पटना. नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले आरजेडी के सभी विधायक तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर बोरिया बिस्तर लेकर पहुंच चुके हैं. शनिवार को कई घंटों की मीटिंग के बाद सभी विधायक देर शाम तेजस्वी यादव के सरकारी बंगले 5 देशरत्न मार्ग पहुंचे. यहीं से सोमवार को सभी विधायकों को विधानसभा ले जाया जाएगा. इधर गया में विशेष प्रशिक्षण ले रहे भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि उनकी सत्ता चली गई और खेला करने की बात करते हैं. वो अपने विधायकों को ही ठीक से रख लें, यही उनकी सफलता होगी.
मरा घोड़ा घास नहीं खाता है
भाकपा माले के दो विधायकों के जीतन राम मांझी से मुलाकात पर एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि जीतनराम मांझी जी कहीं नहीं जाएंगे. जीतन राम मांझी गरीब जरूर हैं, पर बेवकूफ नहीं. उन्होंने कहा कि अपने राजद विधायकों को दिलासा देने के लिए तेजस्वी यादव इस तरह की बात करते हैं, ताकि वह कहीं जाए नहीं. मरा हुआ घोड़ा घास नहीं खाता है. अपने विधायकों को यह ठीक से रख लें, यही उनकी सफलता होगी. हमलोग फ्लोर टेस्ट में पास हैं, इससे इनकार नहीं है, 128 से आंकड़ा बढ़ेगा.
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राजद विधायक ‘नजरबंद’
राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों का सामान पटना में पार्टी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आधिकारिक आवास पर पहुंचाया गया. फ्लोर टेस्ट से पहले देर शाम आरजेडी विधायकों और महागठबंधन के विधायकों की बैठक हुई थी. इधर, आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि 12 फरवरी एक छोटा सा एपिसोड है. हमने इस खेल को शुरू नहीं किया था, लेकिन जैसा कि तेजस्वी यादव ने कहा था, हम इसे खत्म जरूर करेंगे.
राजद ने नहीं की थी गठबंधन की पहल
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार खुद गठबंधन के लिए आगे आए थे, हमने कोई पहल नहीं की थी. वहीं, आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने दावा किया कि हमारे नेता तेजस्वी यादव के प्रति जनता में आकर्षण और विश्वास है. भाजपा-जदयू विधायक भी उन पर विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर व्हिप जारी नहीं किया गया तो 200 विधायक उनके समर्थन में खड़े होंगे.
एनडीए के पक्ष में बहुमत का आंकड़ा
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए के विधायकों की संख्या 128 है. इनमें भारतीय जनता पार्टी के 78, जनता दल यूनाइटेड के 45, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के 4 और एक निर्दलीय विधायक हैं. वहीं, महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं, जिनमें राष्ट्रीय जनता दल के 79, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक हैं. इसके अलावे एआईएमआईएम के एक विधायक भी विपक्षी गठबंधन को अपना समर्थन दे सकते हैं. आरजेडी का दावा है कि सत्ता पक्ष के 12-15 विधायक उनके साथ आ सकते हैं.