कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज विपक्षी दलों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया. इस ऑनलाइन बैठक में कोरोना वायरस संकट पर चर्चा हुई. इस दौरान बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि हमें यूपीए सरकार की मनरेगा और राइट टू फूड योजना के बारे में लोगों के बताना चाहिए, साथ ही बीजेपी की फेल योजनाओं के बारे में भी लोगों को बताना चाहिए.
हमें सरकार को कुछ सॉल्युशन देना चाहिए
तेजस्वी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान जो संकट की स्थिति है इसमें मैंने सबकी राय सुनी. जैसा कि आप सबका यह कहना है कि हमें इस समय एक्शन लेकर अपना अगला कदम तय करना पड़ेगा, लेकिन मेरी यह राय है कि हमें सरकार को कुछ सॉल्युशन देना चाहिए. हम सरकार को पहले कुछ आइडिया दें और उसे प्रचारित करें. अगर सरकार उसपर अमन नहीं करती है तो हमें कोरोना के खिलाफ एक बेहतरीन रणनीति बनाकर अपने स्तर से काम शुरू करना चाहिए.
मनरेगा और राइट टू फूड इन दोनों की वकालत जोर-शोर से करनी चाहिए
तेजस्वी ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि जरूरतमंदों को 25-25 किलो अनाज देने की बात होनी चाहिए. हमें श्रम कानून पर उठ रहे कदमों का विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें यूपीए सरकार की योजनाएं मनरेगा और राइट टू फूड इन दोनों की वकालत जोर-शोर से करनी चाहिए. ताकि बाहर से आए श्रमिकों को इसका लाभ मिले. ये दोनों यूपीए की बड़ी योजनाएं हैं. साथ ही भाजपा के हर विफलता का उग्र होकर हमें प्रचार करना चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि हम सभी को एक्शन प्लान के साथ काम करना होगा. वहीं उन्होंने गांव की समस्याओं पर भी जोर देने की बात की.
अंत में सबों का धन्यवाद करते हुए तेजस्वी ने कहा कि इस तरह की बैठक होती रहनी चाहिए. इसमें हम रिजनल पार्टी को भी शामिल करना चाहिए ताकि हम प्रदेश की समस्याओं को सभी के साथ शेयर कर सकें.