तेलंगाना के वारंगल में 20-21 मई को कुएं से मिले शवों के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी सुलझाने के बाद जो कहा है, वो हैरान करने वाला है. ये हत्याएं बिहार के युवक ने की थी. अवैध संबंध और एक कत्ल का राज छिपाने के लिए उसने बेरहमी से नौ और लोगों को मार डाला. इससे पहले माना जा रहा था कि इन सभी ने आत्महत्या की है. एएनआई के मुताबिक, वारंगल पुलिस कमिश्नर वी.रविंदर ने बताया कि वारंगल के गोरकुंटा गांव में रहने वाले एक परिवार के 6 सदस्यों और 3 अन्य मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया.
To cover up his lover's murder, Bihar man kills nine people in Telangana
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— ANI Digital (@ani_digital) May 25, 2020
एक साथ 9-9 लोगों की हत्या के बाद भी आरोपी की दरिंदगी कम न हुई और उसने सभी शवों को एक-एक कर बोरे में भरकर कुएं में फेंक दिया. वारंगल पुलिस ने जब इस 26 साल के आरोपी बिहार निवासी मजदूर संजय कुमार यादव को गिरफ्तार किया, तब जाकर उसके कत्ल-ए-आम की कहानी सामने आयी है.पुलिस का दावा है कि आरोपी संजय कुमार यादव को सोमवार को जब अरेस्ट किया गया तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
वारंगल पुलिस कमिश्नर वी.रविंदर ने बताया कि जिस कुएं से शव मिले थे, उसके पास ही बोरे बनाने की फैक्ट्री है. यहां पर प्रवासी मजदूर रहते हैं. आरोपी संजय यहीं रहता था. उसके साथ पश्चिम बंगाल का रहने वाला मकसूद पत्नी निशा और परिवार के छह सदस्यों के साथ रहता था. जांच में पता चला कि संजय के निशा की भतीजी रफीका (37) के साथ अवैध संबंध थे. तीन बच्चों की मां रफीका भी पश्चिम बंगाल की रहने वाली थी मगर वह अपने पति से अलग हो गयी थी.
वहीं, संजय ने एक कमरा किराए पर ले रखा था, जहां संजय और रफीका एक साथ रहते थे. पुलिस के मुताबिक, संजय की रफीका की 15 साल की बेटी पर भी गलत नजर थी. इस बात को लेकर रफीका ने संजय को धमकाया था. इसी कारण संजय ने रफीका की हत्या की साजिश रची. उसने मकसूद को बताया कि वह रफीका से शादी करना चाहता है. इसके लिए रफीका के परिजन से बात करने बंगाल जा रहा है.
6 मार्च को संजय और रफीका गरीब रथ ट्रेन से बंगाल के लिए रवाना हुए. संजय ने सफर के दौरान ही किसी तरह नींद की गोली मिलाकर रफीका को दे दी. जब रफीका को नींद लग गई तो संजय ने उसका गला घोंट दिया. इसके बाद रफीका के शव को आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के निदादावोल के पास ट्रेन से फेंक दिया और वह वापस वारंगल लौट आया. जब मकसूद ने रफीका के बारे में पूछा तो संजय ने कह दिया कि वह गांव में है और बाद में वापस आएगी. जब मकसूद के परिवार ने उसे सच बताने के लिए पुलिस की धमकी दी तो उसने सभी को मारने की साजिश रच डाली.
इसी बीच, 20 मई को मकसूद के बड़े बेटे शाबाज का जन्मदिन था. संजय भी उनके घर गया. उसने सभी के खाने में नींद की गोलियां डाल दीं. इस पार्टी में त्रिपुरा निवासी शकील भी आया था. इसलिए वह भी साजिश का शिकार हो गया. संजय को मकसूद के घर में उसी बिल्डिंग में रहने वाले बिहार के दो युवकों ने देख लिया था. यही कारण था कि संजय ने उन्हें भी नींद की गोली देकर सुला दिया. बाद में संजय ने सभी को बोरे में भरकर कुएं में फेंक दिया. हालांकि, पुलिस ने बताया कि इस काम में एक और आदमी शामिल था. फिलहाल उसकी तलाश की जा रही है.
21 मई को कुएं से मकसूद (50 वर्ष) उसकी पत्नी निशा (45 वर्ष) बेटी बसरा (20 वर्ष) और बसरा का तीन साल के बच्चे का शव मिला था. अगले दिन यानी 22 मई को मकसूद के बेटे शाबाज (22 वर्ष) और सोहैल (20 वर्ष), बिहार निवासी श्याम (22 वर्ष) और श्रीराम (20 वर्ष) और त्रिपुरा के शकील का शव निकाला गया था. एक ही इलाके के दो अलग अलग कुएं से शव मिलने के बाद सनसनी मच गयी थी. कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण लोग ये भी समझ रहे थे कि हो सकता है सभी ने कुएं में कूदकर आत्म हत्या की हो. पूछताछ और सीसीटीवी कैमरा फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय पर शिकंजा कसा और आखिर उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया.