पटना. स्वास्थ्य विभाग ने छठ महापर्व और कार्तिक पूर्णिमा स्नान के मद्देनजर संभावित दुर्घटनाओं में हताहतों के इलाज को लेकर राज्य के सभी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. छठ पूजा के दौरान चार दिनों तक और कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दिन गंगा नदी और अन्य नदियों व तालाब घाटों पर श्रद्धालुओं और छठ व्रतियों व उनके परिवार के सदस्यों की भारी भीड़ एकत्र होती है. ऐसे में संभावित दुर्घटना की आशंका प्रबल हो जाती है.
जीवन रक्षक दवाओं के साथ एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए
विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, अधीक्षक, सिविल सर्जन व आइजीआइएमएस व आइजीआइसी के निदेश को निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि नदिया व तालाब घाटों या ऐसे स्थान जहां पर पर्व मनाया जाता है उस स्थल के नजदीक अस्थायी चिकित्सा शिविर लगाया जाये. शिविर में चिकित्सक, पारामेडिकल कर्मी और आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के साथ एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए.
चलंत चिकित्सा दल रहेगा मुस्तैद
विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि अल्प सूचना पर घटना स्थल पर पहुंचने के लिए चलंत चिकित्सा दल बनाएं. इन दलों का मोबाइल नंबर कंट्रोल रूम में उपलब्ध करा दें. साथ जिला प्रशासन को भी उपलब्ध करा दिया जाए. राज्य में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जिले में प्रतिनियुक्त किये गये एनडीआरएफ व एसडीआरएफ दलों से समन्वय स्थापित करने को भी कहा गया है. आपात स्थित में राज्य नियंत्रण कक्ष, राज्य स्वास्थ्य समिति पटना के कॉल सेंटर और डायल 104 पर किसी भी प्रकार की सूचना या जानकारी प्राप्त की जा सकती है. मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 20 बेड का अलग कक्ष स्थापित किया जाये. यहां पर सभी जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों, एंबुलेंस, स्ट्रेचर और ट्रॉली की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. सभी जिला अस्पतालों में भी एक नियंत्रण कक्ष संचालित होगा. जिला अस्पतालों में छह बेड की अतिरिक्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है.
क्या करें और क्या नहीं करें
आपदा प्रबंधन विभाग ने पूर्व में छठ पूजा के दौरान डूबने की हुई घटनाओं को देखते हुए सभी डीएम को निर्देश भेजा है कि घाटों पर अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति और कंट्रोल रूम तैयार कर लें. वहीं घाटों पर तैनात अधिकारियों का नंबर जारी करें, ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो. विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि अफवाह आदि कारणों से भीड़ के अनियंत्रित होने से पूर्व में मची भगदड़ के कारण हुई मानव क्षति को लेकर सतर्क रहें और पहले की कमियों को ध्यान में रखते हुए तैयारी करें.
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निजी समितियों के साथ करें लगातार बैठक
छठ पूजा के दौरान घाटों पर सजावट का कमा निजी समितियों के माध्यम से होता है. इसमें जिला प्रशासन का भी पूरा सहयोग होगाऐसे में जरूरी है कि पूजा समितियों के साथ संपर्क करें और बैठक कर उनसे सहयोग लें, ताकि घाट तक पहुंचने में किसी भी श्रद्धालु को दिक्कत नहीं हो.
यह दिया निर्देश
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– खतरनाक घाटों को चिन्हित करें. इन घाटों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. साथ ही, इन घाटों पर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति भी करें, ताकि यहां पर कोई व्रत करने के लिए नहीं पहुंचे.
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– सभी घाटों पर प्रशिक्षित गोताखोर और बोट चालकों की प्रतिनियुक्ति लाइफ जैकेट के साथ रहे. चलंत एंबुलेंस की भी व्यवस्था की जाए.
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– घाटों के किनारे रोशनी की व्यवस्था रहे. श्रद्धालुओं को घाट तक पहुंचने में दिक्कत नहीं हो.
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– घाटों पर पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, कंट्रोल रूम और जिला कंट्रोल रूम काम करें. आपातकालीन नंबर भी सभी जगहों पर लिखा जाए. लाउडस्पीकर से लोगों को सभी जानकारी दें. डयूटी रोस्टर बनाया जाए. डयूटी पर तैनात किसी भी अधिकारी व कर्मी का नंबर बंद नहीं रहे.
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– घाट पर पटाखा की बिक्री व उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहे. निजी नाव का परिचालन बंद रखें.