मुजफ्फरपुर नगर निगम की लापरवाही से फुटपाथ पर आए दस हजार दुकानदार, वेडिंग जोन के नाम पर खानापूर्ति

Muzaffarpur: शहर में करीब दस हजार दुकानदार शहर के मुख्य मार्गों के फुटपाथ पर दुकान लगाने को मजबूर हैं. अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर इन्हें महीने में एक-दो बार हटा दिया जाता है, लेकिन इनके लिए स्थायी तौर पर जगह देने की व्यवस्था नहीं की गयी है.

By Prashant Tiwari | January 21, 2025 9:37 PM

मुजफ्फरपुर: फुटपाथी दुकानदारों को शहर के विभिन्न जगहों पर जगह देने के लिए नगर निगम ने वेडिंग जोन का चुनाव किया था, लेकिन निगम की योजना खानापूर्ति से आगे नहीं बढ़ सकी. शहर में बैरिया गाेलंबर से लक्ष्मी चौक, आरडीएस कॉलेज और अखाड़ाघाट रोड का चयन किया गया था. फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को इन जगहों पर बसाना था, लेकिन निगम की यह योजना कारगर नहीं हो सकी. शहर में करीब दस हजार दुकानदार शहर के मुख्य मार्गों के फुटपाथ पर दुकान लगाने को मजबूर हैं. अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर इन्हें महीने में एक-दो बार हटा दिया जाता है, लेकिन इनके लिए स्थायी तौर पर जगह देने की व्यवस्था नहीं की गयी है. नतीजा इन दुकानदारों को हमेशा इस बात की चिंता सताती रहती है कि पता नहीं कब उनकी दुकान को उजाड़ दिया जाए.

निगम से चार हजार 765 फुटपाथी दुकानदार रजिस्टर्ड

नगर निगम से चार हजार 765 फुटपाथी दुकानदार रजिस्टर्ड है. इन्हें बसाने की व्यवस्था पहले करनी है. निगम की ओर वेडिंग जोन के लिए चयनित तीन जगहों पर फुटापाथी दुकानदार को जगह देनी थी, जिसमें सिर्फ लक्ष्मी चौक से बैरिया तक निगम ने जगह चयनित किया है. अखाड़ाघाट और आरडीएस कॉलेज रोड में वेडिंग जोन पर काम शुरू नहीं हो पाया है. यह हैरत की बात है कि वेडिंग जाेन के लिए निगम में वर्ष 2012-13 से प्लानिंग की जा रही है, लेकिन 12 वर्षों के बाद भी फुटपाथी दुकानदारों को आश्रय नहीं मिल पाया. हर साल निगम की बोर्ड और स्टैंडिग कमेटी की बैठक में इसकी चर्चा होती है, लेकिन काम पूरा नहीं किया जाता.

बनाना था शेड, सिर्फ नंबर लिखकर छोड़ दिया

नियम के तहत निगम को छह वर्ग फुट का कमरा शेड बना कर देना था, लेकिन लक्ष्मी चौक से बैरिया तक निगम ने सिर्फ नंबर लिख कर छोड़ दिया है. अब फुटपाथी दुकानदारों को वहां शिफ्ट होने को कहा जा रहा है. वर्ष 2021 में भी ऐसी ही व्यवस्था की गयी थी, लेकिन फुटपाथी दुकानदार वहां नहीं गये. निगम को वेडिंग जोन में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था भी करनी थी, निगम ने दो वर्ष पहले लाइट और पेयजल की व्यवस्था की थी, जो अब खराब हो चुका है. फुटपाथी दुकानदारों का कहना है कि जब तक मानक के अनुसार वेडिंग जोन नहीं बनाया जाता, तब तक वे लोग उस जगह पर कारेाबार नहीं करेंगे.

फुटपाथ पर दुकान लगने से जाम की स्थिति

शहर के फुटपाथ पर दुकान लगने से शहर में हमेशा जाम की स्थिति रहती है. शहर के मुख्य मार्गों के फुटपाथ पर अतिक्रमण होने के कारण आने-जाने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. गाड़ियों को भी निकलने में दिक्कत होती है. निगम अगर तीनों जगहों पर वेडिंग जोन का निर्माण करा कर फुटपाथी दुकानदारों को बसा दे तो शहर में जाम की समस्या बहुत हद तक कम हो जाएगी.

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