Tender policy : बिना चरित्र प्रमाण पत्र के अब बिहार में नहीं मिलेगा ठेका, ठेकेदारों और कर्मियों को रखना होगा यह दस्तावेज
मुख्य सचिव ने बताया कि ऐसे ठेके में काम करनेवाले कर्मियों को भी चरित्र प्रमाणपत्र और पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा. मुख्य सचिव ने बताया कि यह नियम पहले से ही लागू था.
पटना. इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह हत्याकांड के बाद राज्य सरकार ने बस स्टैंड से लेकर हाट-बाजार जैसे सार्वजनिक कार्यों के ठेकेदारों और कर्मियों के लिए चरित्र प्रमाणपत्र और आइकार्ड अनिवार्य कर दिया है.
मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक के बाद मुख्य सचिव ने बताया कि जितने भी सरकारी ठेके हैं, उनके ठेकेदारों को एसपी के यहां से चरित्र प्रणामपत्र लेना आवश्यक होगा.
उन्होंने बताया कि ऐसे ठेके में काम करनेवाले कर्मियों को भी चरित्र प्रमाणपत्र और पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा. मुख्य सचिव ने बताया कि यह नियम पहले से ही लागू था.
अब इसको सख्ती से पालन कराने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि पब्लिक हैंडलिंग के क्षेत्र में ठेके लेनेवाले ठेकेदारों और उनके कर्मियों के लिए भी नियम सख्त किया गया है.
चाहे वह हाट-बाजार का ठेका लेनेवाले ठेकेदार हों या बस और टेंपो स्टैंड के साथ पार्किंग स्थल के ठेकेदार हों, उन्हें और उनके कर्मियों के लिए चरित्र प्रमाणपत्र और आइकार्ड लेना अनिवार्य है.
इस प्रावधान से जनता के बीच काम करनेवाले ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों की जानकारी संबंधित जिले के पुलिस प्रशासन के पास रहेगी. जनता के बीच में रहनेवाले ऐसे कर्मियों की पहचान भी सार्वजनिक रहेगी.
रूपेश हत्याकांड : ठेकेदारी विवाद पर शक
इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या के मामले में डीजीपी ने एयरपोर्ट की ठेकेदारी की ओर इशारा किया था. इसके बाद अब सरकार की नजर पार्किंग स्थलों में ठेकेदारी करनेवाले लोगों की ओर गयी है.
पार्किंग स्थलों का ठेका लेनेवाली एजेंसी और उनमें काम करनेवालों की पहचान छिपी रहती है. इस प्रावधान से आम लोग भी कर्मियों के नाम और एजेंसी का नाम जान सकेंगे.
बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के अलावा डीजीपी एसके सिंघल भी मौजूद थे.
Posted by Ashish Jha