दरभंगा एयरपोर्ट का टर्मिनल प्लान तैयार, 43 लाख यात्रियों की होगी क्षमता, दो फेज में पूरा होगा काम
दरभंगा एयरपोर्ट के स्थायी टर्मिनल को लेकर लेआउट तैयार हो गया है. उड़ान योजना के तहत लगातार दूसरे साल नबंर वन बने इस एयरपोर्ट के विकास के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है. केंद्र सरकार अब उस जमीन पर सुविधाओं का विकास करने जा रही है.
पटना. दरभंगा एयरपोर्ट के स्थायी टर्मिनल को लेकर लेआउट तैयार हो गया है. उड़ान योजना के तहत लगातार दूसरे साल नबंर वन बने इस एयरपोर्ट के विकास के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है. केंद्र सरकार अब उस जमीन पर सुविधाओं का विकास करने जा रही है. दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह के समय बने इस एयरपोर्ट पर 1950 से 1963 तक आम लोगों के लिए विमान सेवा उपलब्ध थी. 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ान योजना के तहत इस एयरपोर्ट को फिर से आम लोगों के लिए खोला. तब से इस एयरपोर्ट की क्षमता और सुविधा के विस्तार की मांग होती रही है.
66 हजार वर्ग मीटर में बननेगा नये टर्मिनल भवनदरभंगा एयरपोर्ट के लेआउट प्लान के अनुसार दरभंगा एयरपोर्ट का स्थायी सिविल टर्मिनल 54 एकड़ में बनेगा. जो एयरपोर्ट के दक्षिण होगा और नार्थ-ईस्ट कोरिडोर यानी एनएच-57 से जुड़ेगा. राज्य सरकार की ओर से दी गयी 24 एकड़ अतिरिक्त जमीन पर रनवे का विस्तार और रात में टेकआफ और लैंड करने की सुविधा के लिए आइएलएस सिस्टम लगाया जायेगा. 66 हजार वर्ग मीटर में बननेवाले इस नये टर्मिनल भवन की ब्लू प्रिंट के अनुसार दरभंगा एयरपोर्ट का मुख्य टर्मिनल दो फेज में बनेगा. टर्मिनल की पूरी क्षमता सालाना 42.5 लाख यात्रियों की होगी. व्यस्ततम अवधि में यहां से एक साथ 2000-500 यात्रियों की आवाजाही हो सकती है.
टर्मिनल भवन का लेआउट देखकर स्थानीय लोगों में नाराजगी दिख रही है. लोगों का कहना है कि दरभंगा में यात्रियों की आवाजाही का जो दबाव पिछले पांच वर्षों में दिखा है उसको देखते हुए टर्मिनल भवन की क्षमता बेहद कम है, जबकि यहां राज्य सरकार ने पर्याप्त जमीन दी हुई है. दरभंगा एयरपोर्ट के लिए संघर्षरत रहे मुकेश झा कहते हैं कि दरभंगा और पटना एयरपोर्ट पर टर्मिनल निर्माण का तुलनात्मक समीक्षा करें तो दरभंगा में प्रस्तावित टर्मिनल के लिए अधिक जमीन अधिग्रहण होने के बाद भी क्षमता को कम कर दिया है. ऐसे में यहां सुविधाओं का अभाव हमेशा बना रहेगा.
क्षमता से बेहद कम आंका गया अनुमानअगले 30 साल के प्लान में 42.5 लाख यात्री बेहद कम अनुमान है. उन्होंने कहा कि पटना बिल्डिंग का एरिया करीब 65,135 वर्ग मीटर का है. इसमें सालाना 80 लाख यात्रियों और पीक ऑवर में 3,000 यात्रियों के ठहरने की क्षमता है, जबकि दरभंगा में 66600 वर्ग मीटर क्षेत्र होने के बाद भी क्षमता मात्र 42.5 लाख यात्रियों का. मुकेश कहते हैं कि 2015 में पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए 60 लाख क्षमता का टर्मिनल निर्माण का प्रस्ताव था, लेकिन 2025 में मात्र 15 लाख क्षमता का टर्मिनल, जहां अभी भी 10 लाख यात्री सफर कर रहा है.