भक्त रहषु की आस्था और भक्ति के अद्भुत संगम का केंद्र बिहार का प्रसिद्ध शक्ति पीठ गोपालगंज स्थित थावे. शनिवार को मां थावे भवानी की नगरी माता रानी के जयघोष से गुंजायमान थी, तो इधर सूबे के पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित होने वाले महत्वाकांक्षी थावे महोत्सव की शुरुआत का भी लोगों को बेसब्री से इंतजार था. महोत्सव के आयोजन से लोग उमंग और उत्साह से भरे थे.
गोपालगंज की सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक, पुरातात्विक व धार्मिक महत्व के प्रकाशन के साथ स्थानीय कलाकारों को एक बड़ा मंच देने को थावे का होमगार्ड मैदान सजधज कर तैयार था. पर्यटन विभाग की परिकल्पना थावे महोत्सव मंच पर जल्द ही साकार होने वाली थी. देखते-देखते इंतजार की घड़ियां खत्म हुईं. थावे वाली मइया के जयघोष, शंखनाद व उद्घाटन के बाद भोजपुरी क्षेत्र की लोक संस्कृति की विविध लयात्मक अभिव्यक्तियों से पूरा थावे गुंजायमान हो उठा.
महोत्सव के संबोधित करते हुए खान एवं भूतत्व मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री रामानंद यादव ने कहा कि थावे मंदिर ऐतिहासिक धरोहर है. मां थावे वाली अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. 2012 में शुरू हुए थावे महोत्सव का रूप अब काफी बदल चुका है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का यहां से विशेष लगाव है. लालू प्रसाद हमेशा से चैत्र नवमी में यहां पूजा करने आते रहे हैं. थावे मंदिर के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास होगा.
पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित थावे महोत्सव के उद्घाटन में दीप प्रज्वलन के पहले भूतत्व मंत्री और मद्य निषेध मंत्री व अन्य जनप्रतिनिधियों को डीएम ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र, बुद्ध की प्रतिमा व माता का प्रतीक चिह्न देकर स्वागत व सम्मानित किया. डीएम ने उद्घाटन के दौरान कहा कि दुर्गा मंदिर का विकास 75 करोड़ की राशि से किया जायेगा. जंगल को भी विकसित किया जायेगा.
सांसद आलोक कुमार सुमन ने थावे मंदिर को राष्ट्रीय मानचित्र पर पर्यटक स्थल के रूप में लाने की बात कही. वहीं, मध निषेध मंत्री ने कहा कि इसकी शुरुआत 2012 से की गयी है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. कोई धर्म छोटा या बड़ा नहीं होता है. मंच उद्घोषक के रूप में रूपम त्रिवेदी ने अपनी आवाज का जादू सब पर बिखेरा.
मुंबई से आये भोजपुरी सिंगर प्रियंका सिंह ने भजन, पचरा, लोक परंपराओं के साथ देशभक्ति गीत से कार्यक्रम को ऊंचाई दी. थावे महोत्सव में मां थावे वाली को समर्पित करते हुए प्रियंका ने कवन फुल फुलेला लहलहाई…, तो पचरा, चल सखी देख आयी थावे भवानी के… सत्यम शिवम सुंदरम, पिया जी की मुस्की, बलम जी हो जाइब गुलरी के फूल, पटना से पायजेब बलम जी… की प्रस्तुति से महोत्सव में समा बांध दिया. कार्यक्रम का समापन ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी से किया. प्रियंका ने कार्यक्रम में विलुप्त होती परंपराओं को जीवंत करने की कोशिश की.
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अमरजीत जयकर ने अपने प्रस्तुति से समा बांधने का काम किया. कलाकारों से ऐसा प्रस्तुति देकर इतिहास रच दिया. होमगार्ड मैदान पल-पल इतिहास रचने का काम किया.
मुंबई से आये हास्य कलाकार रवींद्र जॉनी मंच पर पहुंचते ही लोगों को ठहाके लगाने पर विवश कर दिया. अपने चुटकुले और प्रस्तुति से दर्शकों को लोटपोट कर दिया.