हाइकोर्ट के फैसले से 22 माह पुरानी आस फिर जगी, बिहार में प्राथमिक नियोजन की खुल सकती है राह
छठे चरण के प्राथमिक नियोजन की राह करीब 22 माह पुरानी है. 23वें महीने में आये हाइकोर्ट के फैसले से अभ्यर्थियों के मुरझाये चेहरे एक बार फिर खिल गये हैं.
पटना. छठे चरण के प्राथमिक नियोजन की राह करीब 22 माह पुरानी है. 23वें महीने में आये हाइकोर्ट के फैसले से अभ्यर्थियों के मुरझाये चेहरे एक बार फिर खिल गये हैं. दिव्यांग केस मेें अंतत: हाइकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सरकार से कह दिया है कि नियोजन को जरूरी औपचारिकताएं पूरी करके पूरा कराएं. फिलहाल 90700 से अधिक शिक्षक अभ्यर्थियों को अब नये शेड्यूल का इंतजार है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अगर पहले शेड्यूल के मुताबिक नियोजन प्रक्रिया पूरी की जाती, तो दिसंबर 2019 में ही यह नियोजन पूरा हो गया होता.
पहले शेड्यूल में 9 से 13 दिसंबर तक ही नियोजन पत्र बांटे जाने थे. फलहाल इस नियोजन की राह बड़ी कठिन रही है.
उल्लेखनीय है कि छठे चरण की खातिर बिहार सरकार की तरफ से 23 जुलाई, 2017 को बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजित की गयी थी, जिसमें 2,50,000 अभ्यर्थी शामिल हुए थे.
लगभग 8 महीने बाद 3 बार रिजल्ट संशोधित कर मार्च 2018 में इसका रिजल्ट जारी किया गया. इसमें 45000 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे. इसके बाद जुलाई 2019 में नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ हुई.
विशेष फैक्ट फाइल
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छठे चरण में अब तक चार बार शेड्यूल जारी हो चुके हैं. अब पांचवी बार शेड्यूल जारी किया जायेगा.
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5 जुलाई 2019 को विज्ञापन जारी किया गया. नियोजन पत्र 9 से 13 दिसंबर 2019 में ही बांटे जाने थे.
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4 दिसंबर 2019 को शेड्यूल जारी किया गया. नियोजन पत्र 29 जनवरी 2020 तक बंटने थे.
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कोर्ट केस में एक आदेश के चलते 23 नवंबर 2019 को शेड्यूल जारी किया गया
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फिर एनआइओएस को मौका देने के लिए विज्ञापन निकाला गया. 15 जून से 14 जुलाई 2020 तक आवेदन लिये गये. उसमें नियोजन पत्र निर्गत करने की तिथि 31 अगस्त 2020 दी गयी थी.
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अब पांचवीं बार दिव्यांगों के लिए अलग से आवेदन करने के लिए शेड्यूल जारी किया जायेगा.
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इसके बाद नियोजन पत्र बांटने के लिए फाइनल और छठवां शेड्यूल भी जारी किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha