बिहार में प्रशासन ने निजी स्कूलों से मांगा नामांकन का ब्योरा, 25 प्रतिशत सीटों पर करना है गरीब बच्चों का नामांकन

बच्चों की मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत निजी स्कूलों को अपनी 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों का नि:शुल्क नामांकन व पठन-पाठन कराना है. जिले के निजी स्कूलों में इस कानून का पालन नहीं किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 24, 2021 1:13 PM

भागलपुर. बच्चों की मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत निजी स्कूलों को अपनी 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों का नि:शुल्क नामांकन व पठन-पाठन कराना है. जिले के निजी स्कूलों में इस कानून का पालन नहीं किया जा रहा है.

निजी विद्यालयों की ओर से आरटीइ का अनुपालन नहीं करने के संबंध ने बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अभिभावकों की कई लिखित शिकायतें मिल रही है. आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र लिख कर कहा है कि आइटीइ का पालन सुनिश्चित हो.

नामांकन वर्ष 2021-22 में अपने जिले में संचालित सभी प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर आरटीइ एक्ट की धारा 12सी के अंतर्गत गरीब परिवार के बच्चों का नामांकन कराये. नामांकन की रिपोर्ट बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग को 28 मार्च तक भेजने का निर्देश दिया.

आयोग से मिले पत्र के आधार पर जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को कहा कि सभी निजी विद्यालयों को आदेश की प्रतिलिपि प्रेषित करें. नामांकन अभियान प्रवेशोत्सव 25 मार्च तक होना है. नामांकन पूरा करने के बाद 28 मार्च तक इसकी रिपोर्ट आयोग को भेजने की बात कही गयी.

समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय के एडीपीसी जितेंद्र प्रसाद के अनुसार 14 वर्ष के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देने के उद्देश्य से एक अप्रैल 2010 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू किया गया. भागलपुर जिले में 161 निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग की ओर से एफिलिएशन मिला है.

सभी विद्यालय कुछ न कुछ गरीब बच्चों का नामांकन लेकर रिपोर्ट हमें भेजते हैं. गरीब बच्चों के नामांकन के एवज में निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग से क्षतिपूर्ति दी जाती है. इस बार भी 25 मार्च तक नामांकन लेकर इसकी रिपोर्ट तत्काल शिक्षा विभाग को देनी है.

Posted by Ashish Jha

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