जल संकट को लेकर सचेत हुआ प्रशासन, 30 तक चालू होंगे मुजफ्फरपुर के छह जलमीनार

गर्मी बढ़ने के साथ शहरी क्षेत्र में गहराये पेयजल संकट को देखते हुए 30 अप्रैल से पहले शेष बचे छह जलमीनार (वाटर टावर) को चालू करने की डेडलाइन तय कर दी गयी. 10 में से चार जलमीनार एक सप्ताह पहले चालू हो चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 13, 2021 12:53 PM

मुजफ्फरपुर. नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति की मीटिंग सोमवार को मेयर सुरेश कुमार की अध्यक्षता में हुई. स्वास्थ्य कारणों से उप मेयर मानमर्दन शुक्ला वर्चुअल तरीके से मीटिंग में जुड़े. मीटिंग के दौरान एक दर्जन एजेंडे पर चर्चा हुई. इसके बाद इसे मंजूरी दी गयी. गर्मी बढ़ने के साथ शहरी क्षेत्र में गहराये पेयजल संकट को देखते हुए 30 अप्रैल से पहले शेष बचे छह जलमीनार (वाटर टावर) को चालू करने की डेडलाइन तय कर दी गयी. 10 में से चार जलमीनार एक सप्ताह पहले चालू हो चुका है.

मेयर ने मरम्मत कार्य में लगी एजेंसी को हर हाल में तय अवधि के बीच वाटर टावर को चालू कर निगम को हैंड ओवर करने को कहा है. साथ ही जितने भी खराब चापाकल हैं, पार्षदों के साथ तालमेल स्थापित कर अविलंब मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया. साफ-सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से 07 नये बॉबकट मशीन की खरीदारी होगी.

मॉनसून की तैयारी के मद्देनजर जितने भी छोटे-बड़े नाले है. सभी की उड़ाही कराने का निर्देश दिया गया है. मीटिंग के दौरान नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय, उप नगर आयुक्त रणधीर लाल, राकेश कुमार, हीरा कुमारी, पार्षद हरिओम कुमार, अर्चना पंडित, पवन राम आदि मौजूद थे.

कुआं उड़ाही से लेकर शौचालय तक को चालू करने का निर्देश. शहर के चिह्नित 81 कुआं की उड़ाही अविलंब शुरू कराने सहित 38 जो सामुदायिक शौचालय बन कर तैयार हो गया है. उसमें बिजली कनेक्शन करा जल्द चालू कराने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया है.

सात निश्चय नल, जल योजना के तहत 19 वार्डों में जल्द से जल्द जलापूर्ति योजना का टेंडर करने एवं 55 लाख रुपये तक के कच्ची गली-नाली योजना को भी चिह्नित कर काम टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया. वार्ड नंबर 23 व 40 में सात निश्चय योजना के कार्यों में लापरवाही बरतने वाले दो संवेदक को ब्लैक लिस्टेड करने का भी निर्णय सशक्त स्थायी समिति ने लिया है.

शहर में फॉगिंग के दौरान ईंधन में गड़बड़ी करने की शिकायत मिली है. स्थायी समिति में इस मुद्दा पर लंबी चर्चा हुई. इसके बाद निर्णय लिया गया कि जब तक पार्षद संतुष्ट नहीं होंगे, तब तक फॉगिंग मशीन में खर्च ईंधन का भुगतान नहीं होगा. साथ ही प्रथम व द्वितीय पाली में सफाई से जुड़े कर्मियों का पेमेंट तब होगा, जब पार्षद के यहां जाकर वे लोग हाजिरी बनायेंगे.

Posted by Ashish Jha

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