पटना. बिहार पुलिस में अब जांबाज लेडी कमांडो की कमी दूर हो गयी है. कमांडो की ट्रेनिंग करने महाराष्ट्र गयी महिला पुलिस कर्मी ट्रेंड होकर बिहार लौट आयी है. जल्द ही इन महिला कमांडो को एसएसजी, एटीएस और एसटीएफ में पदस्थापित किया जायेगा.
मीडिया से बात करते हुए बिहार पुलिस के डीजी ट्रेनिंग आलोक राज ने बताया कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस से चुनी गयी सभी 92 महिला सिपाहियों को ट्रेनिंग महाराष्ट्र के मुतखेड स्थित सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट में दी गयी है. तीन महीने की ट्रेनिंग पूरा कर सभी महिला कमांडो बिहार लौट आयी हैं.
पिछले तीन महिने में ये लोग हर चुनौती का मुकाबला करने की सीख ली है. इन महिलाओं को बड़े से बड़े हमलों को नाकाम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण के साथ छोट-बड़े अत्याधुनिक हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग दी गयी है.
उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग से लौटने के बाद अभी सभी छुट्टी पर हैं. अवकाश से लौटते ही सभी 92 महिला कमांडो को विशेष तौर पर गठित एजेंसियों में तैनात कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये लोग एसएसजी, एटीएस और एसटीएफ में अपना योगदान देंगी, जहां अब तक चुनिंदा पुरुष पुलिसवालों को ही मौका दिया जाता है. अब महिला कमांडो भी अपना दमखम दिखाएंगी.
आलोक राज ने कहा कि इनमें से कुछ महिला कमांडो स्पेशल सिक्यूरिटी ग्रुप यानी कि एसएसजी में योगदान करेंगी. इस पुलिस बल के पास मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा है. इसमें मुख्य रूप से तेज तर्रार पुलिस अधिकारी और जवानों को ही तैनात किया जाता है. इस बल में पहली बार महिला कमांडो की तैनाती की जायेगी.
इसके अलावा महिला कमांडो की तैनाती आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष तौर पर गठित एटीएस में भी होगी. उन्होंने कहा कि कुछ महिला कमांडो को बिहार पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स यानी कि एसटीएफ में भी पदस्थापित किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha