एक हजार वर्ग किमी का होगा राजधानी क्षेत्र, पटना मास्टर प्लान 2031 का खाका तैयार
आने वाले समय में राजधानी पूरी प्लानिंग की तरह विकसित नजर आयेगी. महानगर का एरिया एक हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक होगा. मालूम हो कि महानगर में पुनपुन से लेकर बिहटा, संपतचक सहित आसपास के कई छोटे कस्बे भी जुड़ेंगे.
अनिकेत त्रिवेदी, पटना. आने वाले समय में राजधानी पूरी प्लानिंग की तरह विकसित नजर आयेगी. महानगर का एरिया एक हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक होगा. मालूम हो कि महानगर में पुनपुन से लेकर बिहटा, संपतचक सहित आसपास के कई छोटे कस्बे भी जुड़ेंगे.
पटना महानगर के किस इलाके में व्यावसायिक, शैक्षणिक, उद्यौगिक और आवसीय क्षेत्र होगा, इसकी पूरी प्लानिंग तैयार की जा रही है. शहर की प्लानिंग ‘पटना मास्टर प्लान 2031’ और ‘बिहार अरबन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट 2031’ के प्रावधानों के तहत तैयारी होगी.
इसकी कवायद भी शुरू हो चुकी है. नगर विकास व आवास विभाग के निर्देश पर पटना मेट्रोपॉलिटन एरिया अॉथरिटी (पीएमएए) ने शहर को क्षेत्रफल के अनुसार पांच ग्रुप में बांटा है. अब इन पांच ग्रुपों को 14 जोन में डेवलप किया जायेगा.
इस जोनल प्लान में कुल 1065 वर्ग किमी से अधिक के क्षेत्रफल के विकास का पूरा खाका बनाया जायेगा. फिलहाल इसमें पटना सेंट्रल का क्षेत्रफल 75 वर्ग किमी, पटना अरबन एरिया का क्षेत्रफल 47.86 किमी और राजधानी में स्पेशल एरिया 41.19 वर्ग किमी तय किया गया है.
पांच ग्रुपों को 14 जोन में बांट कर तैयार होगा विकास का खाका
दरअसल, मास्टर प्लान 2031 को जमीन पर उतारने के लिए बनी पीएमएए पटना को पांच ग्रुपों के कुल 1065 वर्ग किमी एरिया को 14 भागों में बांट कर विकास का खाका बनायेगी. जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाने के लिए पांच ग्रुप तय किये गये हैं. इनमें स्पेशल एरिया, और पटना अर्बन एरिया का पहला ग्रुप, पटना सेंट्रल, संपतचक और मिर्चा का इलाका दूसरा ग्रुप है.
फतुहा, दनियावा व पुनपुन तीसरा ग्रुप, दानापुर, नौबतपुर और मकदुमपुर चौथा ग्रुप है. इसी तरह गोपालपुर, मनेर और बिहटा को मिला कर पांचवां ग्रुप बनाया गया है. इन पांचों ग्रुपों को 14 जोन में बांटा जायेगा. इसमें उस क्षेत्र की लैंडयूज, रोजगार, मार्केट, व्यवसाय से लेकर अन्य सभी जगहों को चिह्नित किया जायेगा.
चार तरह की होंगी सड़कें
इन सभी जोन में रोड नेटवर्क आदि के लिए भी एक रूट मैप तैयार किया जायेगा. इसमें सबसे प्रमुख सड़क 80 मीटर चौड़ी होगी. जो सेंट्रल स्वाइन के नाम से जानी जायेगी. 60 मीटर की दूसरी सड़क, 45 मीटर की तीसरी और 30 मीटर चौड़ी चौथी सड़क होगी.
Posted by Ashish Jha