पटना. पंचायत आम चुनाव के स्थगित होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के सामने चुनौतियां और बढ़ गयी हैं. आयोग द्वारा अभी तक की सभी तैयारियों पर पानी फिर गया है. कुछ तैयारियों के लाभ को छोड़कर अब फिर से चुनाव कराने की व्यवस्था करनी होगी.
आयोग के सामने सबसे बड़ी समस्या होगी कि वह नये सिरे से मतदाता सूची की तैयारी करे. वर्तमान मतदाता सूची अगले चुनाव तक अनुपयोगी हो जायेगी. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नयी मतदाता सूची तैयार करने के लिए अक्तूबर में रिविजन कार्यक्रम आरंभ कर दिया जायेगा.
राज्य में वर्तमान में कुल सात करोड़ 50 लाख मतदाता हैं. राज्य निर्वाचन आयोग को नये सिरे से भारत निर्वाचन द्वारा जारी मतदाता सूची के आधार पर अपना ड्राफ्ट का प्रकाशन करना होगा. इसमें राज्य के शहरी और ग्रामीण मतदाताओं को अलग करना होगा.
मतदाता सूची की तैयारी के बाद उसका प्रति वार्ड के आधार पर विखंडन करना होगा. साथ ही प्रति 800 मतदाताओं के आधार पर एक बूथ का गठन करना होगा.
पटना हाइकोर्ट ने पंचायतों का कार्यकाल होने वाले अगले चुनाव के परिणाम घोषित किये जाने तक बढ़ाने को लेकर रिट याचिका दायर करने की अनुमति धर्मेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ धर्मेंद्र क्रांतिकारी को दे दी है. कोर्ट ने यह अनुमति बुधवार को इ -मोड से रिट याचिका दायर करने की अनुमति मांगने के बाद दी है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जगरनाथ सिंह ने बताया कि पंचायत का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है. संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व चुनाव करा लेना है .
समय पर चुनाव नहीं हो पाने की स्थिति में पंचायत का कार्यकाल स्वतः समाप्त हो जायेगा.उन्होंने बताया कि मौजूद समय में पंचायत चुनाव होना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है. ऐसे में पंचायत का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए.
Posted by Ashish Jha