शहर में 34 हजार ऑटो और 13 हजार टोटो के लिए है केवल 11 स्टैंड, पटना नगर निगम के पास कोई ब्लूप्रिंट नहीं
शहर में 34 हजार ऑटो और 13 हजार टोटो (इ-रिक्शा) दौड़ रहे हैं. पर, इनके लिए स्टैंड केवल 11 हैं. नोटिफाइड स्टैंड की बात करें तो 20 लाख से अधिक आबादी वाले विशाल शहर में नगर निगम की ओर से केवल छह जगहों को ऑटो स्टैंड के रूप में चिह्नित किया गया है.
पटना. शहर में 34 हजार ऑटो और 13 हजार टोटो (इ-रिक्शा) दौड़ रहे हैं. पर, इनके लिए स्टैंड केवल 11 हैं. नोटिफाइड स्टैंड की बात करें तो 20 लाख से अधिक आबादी वाले विशाल शहर में नगर निगम की ओर से केवल छह जगहों को ऑटो स्टैंड के रूप में चिह्नित किया गया है. उनमें से भी मात्र पांच जगहों पर पार्किंग की थोड़ी बहुत सुविधाएं हैं. बाकी पांच को रेलवे की ओर से उसकी जमीन पर बनायी गयी है.
शहर की प्रमुख सड़कों पर स्थित 18 ऐसे ट्रैफिक प्वाइंट्स है, जहां ऑटो लगती है, लेकिन अब तक स्टैंड नहीं बनाया गया है. इससे न केवल ऑटो चालकों को परेशानी हो रही है, बल्कि यात्रियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. स्टैंड नहीं होने से ऑटो चालकों को सड़क किनारे ऑटो खड़ा करना पड़ता है, जिससे सड़क संकरी हो जाती है और रह रह कर जाम लगने लगता है.
टोटो के लिए अलग से नहीं बना कोई स्टैंड
पटना शहर में टोटो की संख्या बढ़ कर 13 हजार हो चुकी है. लेकिन इनके लिए अलग से अब तक कोई स्टैंड नहीं बनाया गया. जहां ऑटो स्टैंड है, वहां इरिक्शा वाले भी यात्रियों को चढ़ाने उतारने का काम करते हैं. लेकिन जहां नहीं हैं, वहां उन्हें भी ऑटो रिक्शा की तरह सड़क किनारे वाहन रोक कर पैसेंजर को चढ़ाना-उतारना पड़ता है.
ट्रैफिक प्वाइंट, जहां सड़क पर चल रहा ऑटो स्टैंड
पानी टंकी (बोरिंग रोड), पाटलिपुत्रा गोलंबर, फुलवारी थाना, एम्स, चितकोहरा, राजापुर पुल, मिथिला कॉलोनी, बाटा दीघा, गायघाट, सिटी चौक, हनुमान नगर, नाला रोड, जीरो माइल, पटना जंक्शन गोलंबर , मीठापुर गुमटी, नून का चौराहा, अगमकुआं और गुलजारबाग.
नगर निगम के ऑटो स्टैंड
जीपीओ, टाटा पार्क, मल्टी नेशनल पार्किंग, काली मंदिर (गांधी मैदान) और कारगिल चौक.
रेलवे के ऑटो स्टैंड
करबिगहिया, राजेंद्रनगर, दानापुर स्टेशन, पटना साहिब स्टेशन और पाटलिपुत्रा जंक्शन
Posted by Ashish Jha