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गांवों में विद्युतीकरण करनेवाली ठेका एजेंसी संदेह के घेरे में, भागलपुर में सीबीआइ खंगाल रही कुंडली

भागलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का काम कर चुकी ठेका एजेंसी के कार्यकलाप की जांच सीबीआइ कर रही है. यह एजेंसी एक बैंक फर्जीवाड़े के मामले में फंस चुकी है. एक बैंक द्वारा ठेका एजेंसी इनर्गो इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2021 11:31 AM

भागलपुर. भागलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का काम कर चुकी ठेका एजेंसी के कार्यकलाप की जांच सीबीआइ कर रही है. यह एजेंसी एक बैंक फर्जीवाड़े के मामले में फंस चुकी है. एक बैंक द्वारा ठेका एजेंसी इनर्गो इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.

इसके बाद यह मामला सीबीआइ को सुपुर्द कर दिया गया था. बैंक के साथ धोखाधड़ी के उद्देश्य से आपराधिक साजिश रचने, जालसाजी करने, जाली दस्तावेजों का उपयोग करने, आपराधिक कदाचार आदि आरोप ठेका एजेंसी पर है.

अब सीबीआइ ने बिजली विभाग के पटना मुख्यालय से भागलपुर में एजेंसी के द्वारा कराये गये काम, पैसे का भुगतान आदि बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है. सीबीआइ को आशंका है कि भागलपुर में भी एजेंसी ने आपराधिक साजिश, जालसाजी आदि की है. यह रिपोर्ट भागलपुर के अधिकारियों ने रात-रात भर जग कर तैयार किया.

इस रिपोर्ट को मुख्यालय भेज दिया गया है. अब मुख्यालय के अधिकारी रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं. रिपोर्ट में क्या है इसका खुलासा नहीं किया गया है. सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ को आशंका है कि भागलपुर में हुए ग्रामीण विद्युतीकरण कार्य के दौरान भी एजेंसी ने गड़बड़ी की है. यदि गड़बड़ी सही पायी गयी तो कई लोगों पर गाज गिरने की आशंका जतायी जा रही है.

भागलपुर में बिजली का काम कर चुकी ठेका एजेंसी इनर्गो इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की कुंडली सीबीआइ द्वारा खंगाले जाने की सूचना से जिले में हड़कंप है. बिजली विभाग के हेडक्वाॅर्टर की मांग पर भागलपुर के बिजली अधिकारियों ने यह रिपोर्ट जो तकरीबन 1800 पेज की है पटना भेज दिया है. मुख्यालय में अध्ययन के बाद बिजली विभाग के हेडक्वाॅर्टर के जीएम स्तर के अधिकारी द्वारा सीबीआइ हेडक्वाॅर्टर तक पहुंचायी जायेगी.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, नयी दिल्ली को \”1100.73 करोड़ का गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने के लिए इनर्गो इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. चार नवंबर, 2019 को ठेका एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद से सीबीआइ इसकी जांच कर रही है. इधर, चर्चा है कि कुछ दिनों में सीबीआइ की एक टीम भागलपुर आकर सत्यता की जांच करेगी.

मामला बैंक के साथ फर्जीवाड़े का

  • सीबीआइ ने मांगी रिपोर्ट, बिजली विभाग के हेडक्वाॅर्टर ने रातों-रात तैयार कर भागलपुर से मंगाया

  • ठेका एजेंसी के काम व भुगतान की है रिपोर्ट, जल्द मिलेगी सीबीआइ को

  • “1100.73 करोड़ के फ्रॉड का केस किया था एसबीआइ दिल्ली ने इनर्गो इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर

  • 04 नवंबर 2019 को ठेका एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद से सीबीआइ कर रही जांच

  • भागलपुर आकर मामले की सत्यता की जांच कर सकती है सीबीआइ

भागलपुर से भेजी जाने वाली रिपोर्ट

ठेका एजेंसी ने कितने गांवों का विद्युतीकरण किया है, कितनी राशि का प्राेजेक्ट था, कितना तार-पोल लगाया है, इस पर कितनी राशि खर्च आयी है और कार्य की उपलब्धता के आधार पर उन्हें कितना भुगतान किया गया है.

240 करोड़ का मिला था ग्रामीण विद्युतीकरण का काम

इनर्गो इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को बिजली विभाग ने भागलपुर में ग्रामीण विद्युतीकरण के काम की जिम्मेदारी सौंपी थी. यह काम करीब 240 करोड़ रुपये का था. काम ज्यादा रहने की वजह से बतौर पेटीकांट्रैक्टर विक्रान नामक एजेंसी को भी करने दिया गया था.

इस एजेंसी ने भी 40 करोड़ से ज्यादा का काम किया. एजेंसी के साथ एग्रीमेंट बिजली विभाग के हेडक्वाॅर्टर स्तर पर किया गया था. यह कार्य तय समय से साल भार पीछे चल रहा था, जो नवंबर 2020 में पूरा हुआ. प्रोजेक्ट पूरा करने की कार्यावधि दो साल की थी.

Posted by Ashish Jha

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