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जाति गणना के आर्थिक सर्वे के रिकॉर्ड से उठा पर्दा, जानें सवर्ण जातियों में कौन है सबसे धनी

राज्य सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों के पटल पर जाति आधारित गणना की संपूर्ण रिपोर्ट रख दी है. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा. चौधरी ने बताया कि इसमें सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े भी शामिल हैं.

पटना. राज्य सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों के पटल पर जाति आधारित गणना की संपूर्ण रिपोर्ट रख दी है. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा. चौधरी ने बताया कि इसमें सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े भी शामिल हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार में पिछड़ा वर्ग में 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अति पिछड़ा वर्ग में 33.58%, अनुसूचित जाति वर्ग में 42.93% और अनुसूचित जनजाति वर्ग में 42.7% गरीब परिवार हैं. रिपोर्ट की कॉपियां सभी विधायकों को बांटी गई हैं.

सवर्णों में कितनी गरीबी

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस जाति में कितनी गरीबी है. बिहार सरकार ने जिन जातियों को सवर्णों की जमात में शामिल किया है, उसमें हिन्दू और मुसलमान धर्म की सात जातियां शामिल हैं. बिहार सरकार की जातीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक सवर्णों की श्रेणी में सात जातियां शामिल हैं. इनमें हिन्दू धर्म की चार जातियां ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ के अलावा मुसलमान धर्म के शेख, सैयद और पठान शामिल हैं. सरकार ने इन वर्गों की आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट पेश की है.

भूमिहार सबसे गरीब

सरकार की रिपोर्ट कह रही है कि सामान्य वर्ग यानि सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीबी भूमिहारों में है. सरकार के मुताबिक बिहार में 27.58 प्रतिशत भूमिहार आर्थिक रूप से गरीब हैं. उनके कुल परिवारों की संख्या 8 लाख 38 हजार 447 है, जिनमें 2 लाख 31 हजार 211 परिवार गरीब हैं. हिन्दू सवर्णों में गरीबी के मामले में ब्राह्मण दूसरे नंबर पर हैं. सरकार के मुताबिक 25.32 प्रतिशत ब्राह्मण परिवार गरीब हैं. बिहार में ब्राह्मण जाति के कुल 10 लाख 76 हजार 563 परिवार हैं. इनमें से 2 लाख 72 हजार 576 परिवार गरीब हैं. 

राजपूतों में 24.89 प्रतिशत आबादी गरीब

सवर्णों में गरीबी के मामले में तीसरे नंबर पर राजपूतों की संख्या है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक राजपूतों में 24.89 प्रतिशत आबादी गरीब है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में राजपूतों  9 लाख 53 हजार 447 परिवार हैं, जिनमें 2 लाख 37 हजार 412 परिवार को गरीब माना गया है. वहीं, कायस्थों को सबसे ज्यादा संपन्न बताया गया है. सरकार कह रही है कि बिहार में कायस्थों के सिर्फ 13.83 परसेंट लोग ही गरीब हैं. बिहार में कायस्थों के कुल परिवारों  की संख्या 1 लाख 70 हजार 985 है. इसमें 23 हजार 639 परिवार ही गरीब हैं. 

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शेख जाति के 25.84 परसेंट लोग गरीब

सरकार ने मुसलमानों में सवर्ण माने जाने वाली तीन जातियों शेख, पठान और सैयद का भी आर्थिक लेखा जोखा दिया है. सरकार के मुताबिक शेख जाति के 25.84 परसेंट लोग गरीब हैं. शेख जाति के कुल 10 लाख 38 हजार 88 परिवार हैं, जिनमें 2 लाख 68 हजार 398 परिवार गरीब हैं. वहीं, पठान जाति के 22.20 परसेंट परिवार गरीब हैं. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमानों के सैयद जाति के 17.61 परसेंट परिवार गरीब हैं.

भाजपा ने किया हंगामा

पांच दिवसीय सत्र के दूसरे दिन सदन शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया. औपचारिकताओं के साथ हंगामा संभव है. उनकी मांग है कि आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर डिबेट करने को लेकर और प्रखंड स्तर तक डिटेल्स प्रकाशित करने के लिए हंगामा करने लगे. भाजपा विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने समझाने की कोशिश लेकिन भाजपा विधायक ने माने. इसके बाद कुर्सी और टेबल भी उठाने की कोशिश करने लगे. हालांकि, मार्शल ने ऐसा करने से रोक दिया. हंगामा को देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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