झारखंड- बिहार के क्षेत्रों में जाने को तैयार है बड़कागांव का स्वादिष्ट तिलकुट, फैलने लगी है सौंधी- सौंधी महक

Jharkhand news, Hazaribagh news : जैसे- जैसे ठंड बढ़ने लगा है, वैसे-वैसे तिलकुट की सौंधी-सौंधी महक बड़कागांव क्षेत्र में बिखेरने लगी है. हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव प्रखंड के चौक- चौराहों में 6 तिलकुट कुटीर उद्योग है. बड़कागांव में तिलकुट बनाने का काम रोशन गुप्ता, सुंदर गुप्ता, अकाश गुप्ता ,आर्यन कुमार, विजय गुप्ता ,रविंदर लाल, दीपक गुप्ता ,चीकू गुप्ता कर रहे हैं. तिलकुट के कुटीर उद्योगों में तिल ,गुड़ और चीनी के तगाड़ से तिलकुट बनाया जा रहा है. मकर संक्राति का पर्व 14 जनवरी को है. इस प्रकार मकर संक्राति पर्व आने में अभी करीब एक महीना का समय है, लेकिन तिलकुट बनाने का कार्य अभी से ही तेजी से किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2020 5:12 PM

Jharkhand news, Hazaribagh news : बड़कागांव (संजय सागर) : जैसे- जैसे ठंड बढ़ने लगा है, वैसे-वैसे तिलकुट की सौंधी-सौंधी महक बड़कागांव क्षेत्र में बिखेरने लगी है. हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव प्रखंड के चौक- चौराहों में 6 तिलकुट कुटीर उद्योग है. बड़कागांव में तिलकुट बनाने का काम रोशन गुप्ता, सुंदर गुप्ता, अकाश गुप्ता ,आर्यन कुमार, विजय गुप्ता ,रविंदर लाल, दीपक गुप्ता ,चीकू गुप्ता कर रहे हैं. तिलकुट के कुटीर उद्योगों में तिल ,गुड़ और चीनी के तगाड़ से तिलकुट बनाया जा रहा है. मकर संक्राति का पर्व 14 जनवरी को है. इस प्रकार मकर संक्राति पर्व आने में अभी करीब एक महीना का समय है, लेकिन तिलकुट बनाने का कार्य अभी से ही तेजी से किया जा रहा है.

तिलकुट बनाने वाले कारीगर चीनी, गुड़ और तिल के साथ स्वादिष्ट तिलकुट बनाने में जुट गये हैं. कहीं पर कड़ाह में चीनी खौल रही है, तो कहीं गुड़. कहीं गुड़ या चीनी के तगाड़ के साथ तिल की कुटाई हो रही है. कारीगर दिन-रात एक कर बेहतर से बेहतर क्वालिटी बाजार में उतारने में जुटे हुए हैं. मकर संक्रांति से पहले ही यहां पर तिलकुट की मांग बढ़ जाती है.

Also Read: पूर्व सीएम रघुवर दास का विपक्षी दलों पर निशाना, कहा- किसानों के बारे में सोचें, ना करें दिखावे की राजनीति

बड़कागांव के टंडवा रोड बस ठहराव के पास गुप्ता तिलकुट भंडार के खुदरा एवं थोक व्यवसायी कुंदन कुमार गुप्ता कहते हैं कि आमतौर पर ठंड शुरू होते ही तिलकुट बनने लगता है. यहां के तिलकुट की अलग पहचान है. बाजार में डिमांड लोकल तिलकुट की अधिक है. यहां खोवा तिलकुट 350 रुपये प्रति किलोग्राम, गुड़ वाला तिलकुट 220 रुपये प्रति किलोग्राम, चीनी वाला खास्ता तिलकुट 200 रुपये प्रति किलोग्राम एवं सामान्य तिलकुट 120 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है. तिलकुट व्यवसायी दीपक गुप्ता कहते हैं कि बड़कागांव का तिलकुट झारखंड और बिहार के कई जिलों में जाता है. खोवा एवं सफेद तिल का तिलकुट ग्राहक अधिक पसंद करते हैं.

झारखंड- बिहार के विभिन्न जिलों में होती है आपूर्ति

कुंदन गुप्ता ने बताया कि बड़कागांव में बनने वाला गुड़ वाला तिलकुट की अच्छी स्वाद है. इसकी अपनी अलग पहचान है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में यहां का बना हुआ तिलकुट लातेहार, लोहरदगा, गुमला, गढ़वा, डालटनगंज, रांची, हजारीबाग एवं रामगढ़ आदि क्षेत्रों में जाता है. इसके अलावा बिहार के विभिन्न जिलों में भी बड़कागांव के बने तिलकुट की काफी डिमांड है.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version