भागलपुर: एकेडमिक स्टाफ कॉलेज का प्रस्ताव विवि में ही फाइल दबकर रह गया है. वर्ष 2018 में ही पूर्व कुलपति प्रो एनके झा के कार्यकाल में प्रस्ताव तैयार किया गया था. उस समय प्रस्ताव यूजीसी को भेजना था, लेकिन विवि के अधिकारी के टेबुल पर ही फाइल डंप हो गयी. वर्तमान में इसकी जानकारी विवि के अधिकारी को भी नहीं है.
विवि में एकेडमिक स्टाफ कॉलेज खुलने से यहां के नये नियमित शिक्षकों को इसका लाभ मिल पाता. विवि के एक अधिकारी ने बताया कि एकेडमिक स्टाफ कॉलेज प्रपोजल की फाइल विवि में कहां है, इसकी जानकारी नहीं है. पूर्व के अधिकारी ने ही स्टाफ कॉलेज की फाइल बढ़ायी थी. संबंधित कर्मियों से बात करने पर इसकी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं.
एकेडमिक स्टाफ कॉलेज से नये नियमित शिक्षकों को ओरियेंटेशन व रिफ्रेशर कोर्स कराया जाता है. इसमें नये शिक्षकों को क्लास में छात्रों के साथ किस तरह से पेश आना है. पठन-पाठन कैसे कराना है. कॉलेज में शैक्षणिक वातावरण कैसे बना रहे. शिक्षकों, कर्मियों व छात्रों में बढ़िया तालमेल बना रहे. ऐसे तमाम चीजों की जानकारी ओरियेंटेशन व रिफ्रेशर कोर्स के दौरान दी जाती है. ऐसे में उन शिक्षकों को प्रमोशन मिलने में भी लाभ मिलता है.
विवि में पंडित दीनदयाल उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद, राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर आदि कि विद्यापीठ स्थापित करना था, लेकिन इसकी फाइल विवि में ही धूलफांक रही है. पूर्व कुलपति प्रो एनके झा के कार्यकाल में ही यूजीसी काे महान विभूतियों के विद्यापीठ खोलने की फाइल भेजने की बात कही गयी थी, लेकिन विवि की सुस्ती के कारण मामला अधर में पड़ा है. विवि के एक अधिकारी ने कहा कि विवि में लगातार कुलपति के बदलने से विवि में इस दिशा में काम नहीं हो पाया.