अनिकेत त्रिवेदी, पटना . राज्य में अवैध हथियारों की तस्करी में सबसे अधिक मांग 7.65 एमएम के देशी पिस्टल की है. मुंगेरिया, कानपूरिया और साउथ वाले तीन प्रकार की देशी 7.65 एमएम पिस्टल राज्य के अवैध हथियार बाजार में छायी हुई है.
एसटीएफ या जिला पुलिस की ओर से बीते छह माह में हुई कार्रवाई में यह बात सामने आयी है. पुलिस सूत्रों की मानें तो 7.65 एमएम के देशी पिस्टल निर्माण करने वाले कारीगर मुख्य रूप से मुंगेर व आसपास के जिलों के रहते हैं. उन्हीं के द्वारा अन्य कारीगरों को देशी पिस्टल बनाने का प्रशिक्षित किया जाता रहा है.
बीते दिनों हुई कार्रवाई में एसटीएफ ने आधा दर्जन मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया है. इसमें अधिकांश 7.65 एमएम देशी पिस्टल के निर्माण की बातें ही सामने आयी हैं. सस्ता और अधिक उपलब्धता के कारण ग्राहकों के अवैध बाजार में इस रेंज की पिस्टल की सबसे अधिक मांग है.
जानकार बताते हैं कि राज्य में तीन प्रकार के 7.65 एमएम के पिस्टल का अवैध कारोबार चल रहा है. इसमें मुंगेरिया की क्वालिटी सबसे कमजोर होती है और बाजार में इसकी कीमत 20 हजार से शुरू हो कर 80 हजार तक जाती है.
सस्ता के कारण बाजार में इसकी अधिक मांग है. इसके बाद दूसरे नंबर पर कनपूरियां ब्रांड है. इसके कच्चे माल को अन्य जगहों से मंगाया जाता है और राज्य में आकर यह एसेंबल होती है. इसकी कीमत 40 हजार से एक लाख तक होती है. उसके बाद सबसे बेहतर क्वालिटी साउथ से आने वाले 7.65 एमएम के अवैध देशी पिस्टल है. इसकी कीमत 50 हजार से शुरू होकर 1.50 लाख तक जाती है.
बीते 31 दिसंबर को छापेमारी कर नालंदा जिले के रहने वाले हथियार तस्कर मुकुंद की गिरफ्तारी की गयी थी. उसके पास से 7.65 एमएम के चार देशी पिस्टल बरामद किये गये थे. दिसंबर में 17 तारीख को बख्तियारपुर के रहने वाले हथियार तस्कर ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर 7.65 एमएम के चार देशी पिस्टल, 55 गोलियां और तीन एक्सट्रा मैग्जिन को बरामद किया गया था.
चार दिसंबर को पटना के दीदारगंज थाना क्षेत्र में छापेमारी कर एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ था. उस दौरान मुंगेर व पटना के रहने वाले मोहम्मद कमाल, साहेब आलम सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर वहां से 7.65 एमएम की 10 देशी पिस्टल, 20 अर्धनिर्मित पिस्टल और 20 मैग्जीन बरामदगी हुई थी. नवगछिया से दो हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया गया था.
Posted by Ashish Jha