गोपालगंज : गंडक नदी के बाढ़ ने गन्ना किसानों को कंगाल बना दिया है. कर्ज में डूबे किसानों का गन्ना की फसल 60 फीसदी से अधिक बर्बाद हो गयी है. नदी का पानी घटने के साथ लगातार गन्ना की खेत में फसल सुख रहे. किसानों के सामने लागत भी डूब चुका है. जबकि चीनी मिलों के सामने नो केन की संकट मंडराने लगी है.
ऐसे में कर्ज में डूबे किसानों के सामने अपने जरूरतों को पूरा करने की चिंता है तो चीनी मिलों की ओर से सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजकर हस्तक्षेप करने की मांग की गयी है. विष्णु सुगर मिल्स की ओर से गन्ना विकास विभाग को अवगत कराया गया है कि चीनी मिल को 30-32 लाख क्विंटल गन्ना ही पेराई लायक मिल पायेगा. जबकि मिल की पेराई क्षमता 60 लाख क्विंटल की है.
ऐसे में चीनी मिल को 30 लाख क्विंटल गन्ना फ्री एरिया से नहीं मिला तो फैक्टरी पर आर्थिक संकट उत्पन्न हो जायेगा. यहां सर्वाधिक गन्ना की क्षति हुई है. जिससे फैक्ट्री को फ्री एरिया से गन्ना आंवटन की मांग की गयी है. हथुआ 1990 के दसक से बंद है. बाकी चीनी मिलों के सामने भी आर्थिक संकट कम नहीं है. पिछले 2001 के बाद गंडक नदी ने गन्ना किसानों ने तबाह किया है. विष्णु सुगर मिल गोपालगंज, सासामुसा, भारत चीनी मिल सिधवलिया को इस वर्ष सत्र को पूरा करना तो दूर 50 से 55 दिनों तक भी मिलें को चलाने लायक गन्ना नहीं हो पाने की संभावना है.
चीनी मिल – सर्वेक्षित गांव- किसान – गन्ना एरिया
विष्णु सुगर मिल्स – 765 – 14205 – 31017.59
सासामुसा – 360 – 3808- 4813.31
भारत सुगर मिल्स – 263 – 12933- 18734.75
कुल – 1388- 30946- 54565.65
posted by ashish jha