पटना. सरकारी गेहूं की खरीद का लक्ष्य एक लाख मीटरिक टन केवल सांकेतिक है. सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि एक भी किसान पैक्स-व्यापार मंडल से निराश नहीं लौटना चाहिए. भले ही लक्ष्य की सीमा पार कर जाये, किसान का गेहूं खरीदा जाये. लक्ष्य के साथ रैयत किसानों से 150 , गैररैयत से 50 क्विंटल तक ही गेहूं खरीद कर भुगतान 48 घंटे के भीतर करना है.
दो पंचायतों में खेती करने वाले उस पैक्स – व्यापार मंडल पर गेहूं बेच सकेंगे जिसमें उनका घर आता है. किसानों को किसी भी प्रकार की कागजी कार्रवाई में उलझना न पड़े, बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत न आये इसके लिए भी व्यवस्था की गयी है. कृषि विभाग के पोर्टल पर निबंधित किसान अपना गेहूं बेचने के पात्र होंगे.
कौन किसान रैयत है, कौन गैररैयत यह पैक्स और व्यापार मंडल के अध्यक्ष सहकारिता विभाग द्वारा भेजी गयी किसानों की सूची से तय कर लेंगे. अब किसानों को अलग से सहकारिता विभाग में आवेदन नहीं करना होगा.
बिक्री केंद्र पर ही खेत का रकबा और उत्पादन कितना हुआ एक सादे कागज पर लिख कर देंगे. यह किसी से सत्यापित भी नहीं कराना होगा. किसान का अपना हस्ताक्षर ही (स्वघोषणा पत्र )मान्य होगा. हालांकि, गैररैयत किसान को एड्रेस प्रूफ के लिए पहचानपत्र की फोटो कॉपी देनी होगी.
गेहूं खरीद प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है. पैक्स को रोजाना देर शाम तक मुख्यालय को आॅनलाइन रिपोर्ट भेजनी होगी. यह रिपोर्ट एफसीआइ, सहकारिता विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को भी भेजी जायेगी. गौरतलब है कि 15 अप्रैल से 15 मई तक यह खरीद होनी है.
Posted by Ashish Jha