पांच फुट नीचे गिरा बिहार के इस शहर का भूजलस्तर, 34 फुट नीचे उतरा इमलीचट्टी का जलस्तर
मार्च महीने में ही ग्रामीण इलाके की तुलना में शहरी क्षेत्र के भू-गर्भीय जलस्तर तेजी से गिरने लगा है. शहरी क्षेत्र के जलस्तर सामान्य (28-30 फुट) से पांच से छह फुट नीचे चला गया है. अभी शहर के बीचों-बीच इमलीचट्टी का जलस्तर 34 फुट नीचे चला गया है.
मुजफ्फरपुर. मार्च महीने में ही ग्रामीण इलाके की तुलना में शहरी क्षेत्र के भू-गर्भीय जलस्तर तेजी से गिरने लगा है. शहरी क्षेत्र के जलस्तर सामान्य (28-30 फुट) से पांच से छह फुट नीचे चला गया है. अभी शहर के बीचों-बीच इमलीचट्टी का जलस्तर 34 फुट नीचे चला गया है.
बूढ़ी गंडक नदी व सिकंदरपुर मन से सटे ब्रह्मपुरा, लक्ष्मी चौक व एमआइटी के आसपास का जलस्तर भी 35 फुट तक नीचे चला गया है. इसी तरह की समस्या बूढ़ी गंडक नदी से सटे सिकंदरपुर, चंदवारा, लकड़ीढाई व बालूघाट इलाके की है. इससे लोगों के घरों में लगा सामान्य पंप जवाब देने लगा है.
जलस्तर के नीचे जाने से पानी खींचते वक्त मोटर से तेज आवाज निकलने लगती है. इससे शहर के कई हिस्सों में पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है. जिस रफ्तार से भू-गर्भीय जलस्तर नीचे जा रहा है, आने वाले दिनों में पेयजल संकट और गहरा सकता है.
यही नहीं, नगर निगम के पंप हाउस भी पानी खींचने में हांफने लगे हैं. जलस्तर के नीचे जाने के कारण ही पिछले एक पखवारा से इमलीचट्टी सरकारी बस स्टैंड में लगा पंप खराब है. दो दिन पहले एक्स्ट्रा पाइप जोड़ने के बाद पानी आपूर्ति बहाल हो सकी है.
सबमर्सिबल पंप लगना सबसे बड़ा कारण
शहरी क्षेत्र का जलस्तर तेजी से नीचे जाने का बड़ा कारण धड़ल्ले से लगाये जा रहे सबमर्सिबल पंप हैं. जानकार बताते हैं कि बेरोकटोक हर मुहल्ले में लोग 20-25 फुट की दूरी पर सबमर्सिबल पंप लगाये जा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि आसपास में जो पहले से सामान्य मोटर व चापाकल 100-150 फुट तक बोरिंग कर लगा है, वह जवाब देने लगा है.
अच्छी बारिश के बाद भी गिर रहा भू-जलस्तर
2020 में औसत से ज्यादा बारिश हुई. बावजूद गर्मी से पहले जलस्तर तेजी से नीचे गिरना चिंता का विषय है. नगर निगम के जल कार्य शाखा से जुड़े कर्मी भी चिंतित हैं. उनका का कहना है कि इस बार मई-जून में नीचे जाने की आशंका थी, लेकिन इस बार भी तेजी से जलस्तर नीचे गिर रहा है, जो चिंता की बात है.
Posted by Ashish Jha