पटना. पटना हाइकोर्ट ने इएसआइसी अस्पताल प्रशासन बिहटा को कहा कि वह 30 जून तक शपथ पत्र दायर कर यह बताये कि उसके यहां डॉक्टर, स्टाफ, नर्स, वार्ड बॉय, तकनीशियन समेत कौन-कौन और कितने पद स्वीकृत हैं. इन स्वीकृत पदों में कितने पदों पर लोग कार्यरत हैं व कितने और कौन-कौन पद रिक्त पड़े हुए हैं.
इसके साथ ही कोर्ट ने अस्पताल प्रशासन से यह भी जानकारी मांगी है कि अस्पताल में आइसीयू समेत कुल कितने बेड हैं, वहां ऑक्सीजन की क्या व्यवस्था है, पैथोलॉजी जांच समेत अन्य जांचों की क्या सुविधा उपलब्ध है, जरूरत की सारी दवाएं उपलब्ध हैं कि नही, इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध करायी जाये.
चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने राज्य में कोरोना महामारी को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने अपने पूर्व के निर्देश के बाद इएसआइसी अस्पताल प्रशासन द्वारा दायर शपथ पत्र पर असंतोष जाहिर किया है.
इएसआइसी अस्पताल प्रशासन द्वारा कोर्ट के आदेश के बाद शपथ पत्र दायर कर बताया गया कि अप्रैल और मई माह में इस अस्पताल में कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा थी, जिनका इलाज किया गया. उस समय अस्पताल राज्य सरकार और आर्मी के संयुक्त सहयोग से चल रहा था, लेकिन अब अस्पताल प्रशासन इसे अकेले चला सकता है.
इस अस्पताल को कोविड की तीसरी लहर के समय स्थिति के गंभीर होने पर राज्य सरकार व सेना की मदद की आवश्यकता पड़ सकती है. इस अस्पताल में कोविड मरीजों की सभी तरह की जांच की व्यवस्था कर ली गयी है. यहां अल्ट्रासाउंड मशीन लगा दी गयी है. सीटी स्कैन मशीन के लिए कंपनी को आदेश दे दिया गया है.
Posted by Ashish Jha