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बिहार में चार नेशनल हाइवे के लिए जमीन का मामला निपटा, इस साल हो जायेंगे तैयार

राज्य में चार नेशनल हाइवे (एनएच) का काम इस साल पूरा हो जायेगा. हालांकि, जमीन अधिग्रहण में समस्या के चलते इनके निर्माण में कुछ विलंब हुआ है.इनमें फारबिसगंज-जोगबनी फोरलेन, किशनगंज का एलिवेटेड रोड, मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल का टू लेन एप्रोच रोड और गोपालगंज-छपरा टू लेन सड़क शामिल हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2021 6:55 AM

पटना. राज्य में चार नेशनल हाइवे (एनएच) का काम इस साल पूरा हो जायेगा. हालांकि, जमीन अधिग्रहण में समस्या के चलते इनके निर्माण में कुछ विलंब हुआ है.इनमें फारबिसगंज-जोगबनी फोरलेन, किशनगंज का एलिवेटेड रोड, मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल का टू लेन एप्रोच रोड और गोपालगंज-छपरा टू लेन सड़क शामिल हैं.

इसके अलावा नया सिक्स लेन कोइलवर पुल लगभग बन चुका है. इसमें से तीन लेन पर आवागमन शुरू हो चुका है, जबकि अन्य तीन लेन पर आवागमन बरसात के बाद शुरू होने की संभावना है. इस सड़कों पर आवागमन शुरू होने से राज्य के किसी भी हिस्से से पांच घंटे में पटना पहुंचने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संकल्प साकार हो सकेगा.

फारबिसगंज-जोगबनी फोरलेन सड़क

सूत्रों के अनुसार, फारबिसगंज-जोगबनी फोरलेन (एनएच-57ए ) करीब 9.25 किमी की लंबाई में बन रहा है. इसका निर्माण 247 करोड़ रुपये से अप्रैल, 2016 से शुरू हुआ था. इसके बनाने की समय सीमा अप्रैल, 2018 थी. ऐसे में सड़क निर्माण में करीब साढ़े तीन साल देर होने की संभावना है.

किशनगंज का एलिवेटेड रोड

किशनगंज का एलिवेटेड रोड (एनएच-31) करीब 3.18 किमी की लंबाई में बन रहा है. इसका निर्माण करीब 129 करोड़ रुपये से जून, 2018 से शुरू हुआ था. इसका निर्माण पूरा करने की समय सीमा जून, 2020 थी. ऐसे में करीब डेढ़ साल की देरी से बनने की संभावना है.

मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल का एप्रोच

मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल का टू लेन एप्रोच रोड (एनएच-333बी) करीब 14.5 किमी लंबाई में बन रहा है. इसका निर्माण 231 करोड़ रुपये से दिसंबर, 2018 में शुरू हुआ था और इसे मई, 2021 में बनने की संभावना थी. लेकिन, जमीन अधिग्रहण की समस्या के चलते देरी हुई है.

गोपालगंज-छपरा टू लेन

गोपालगंज-छपरा टू लेन रोड (एनएच-85) करीब 94.2 किमी की लंबाई मेें बन रहा है. इसका निर्माण करीब 644 करोड़ रुपये से दिसंबर, 2015 से शुरू हुआ था. इसके निर्माण की समय सीमा दिसंबर, 2017 थी, लेकिन इसमें करीब चार साल का विलंब हुआ है.

Posted by Ashish Jha

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