छपरा. पटना, सारण, वैशाली और बेगूसराय के बीच चल रहे अंतरजिला भूमि हस्तानांतरण का फायदा केवल पटना जिले को ही नहीं मिलेगा, बल्कि पटना जिले की लगभग छह हजार एकड़ जमीन बेगूसराय जिले में जायेगी.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देश पर पटना प्रमंडल के आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा पटना, सारण, वैशाली व बेगूसराय जिलों की अंतरजिला भूमि हस्तांतरण में बेगूसराय जिले के कसहा दियारे से जुड़ी पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल के मोकामा अंचल की लगभग छह हजार एकड़ जमीन को बेगूसराय जिले में शामिल किया जायेगा.
इसको लेकर राजस्व व भूमि सुधार विभाग के निर्देशानुसार पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित कमेटी का गठन किया गया है. इसमें सारण प्रमंडल, तिरहुत प्रमंडल, मुजफ्फरपुर व मुंगेर प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त व इन जिलों के डीएम सदस्य हैं.
गौरतलब है कि अंतरजिला हस्तानांतरण में पटना जिले को सारण से 3212 एकड़, वैशाली से 331.5 एकड़ जमीन मिलेगी. इसके बाद जेपी सेतु, कंगन घाट आदि जगहों की जमीन पटना जिले में आ जायेगी.
भौगोलिक व प्रशासनिक दृष्टिकोण से किये जाने वाले इस भूमि हस्तांतरण से सारण वैशाली के साथ पटना जिले की 25 सौ एकड़ जमीन का रकबा कम हो जायेगा. तिरहुत, पटना, सारण प्रमंडल के नक्शे में क्षेत्रफल में कमी आयेगी.
बेगूसराय के एडीएम मो बलागुद्दीन के अनुसार इस अंतरजिला भूमि हस्तांतरण में बेगूसराय जिला व मुंगेर प्रमंडल को छह हजार एकड़ जमीन अतिरिक्त मिलेगी, जो अभी पटना जिला व प्रमंडल में है.
सारण की 3212 एकड़ जमीन हस्तांतरण के लिए पंचायत से लेकर अंचल, अनुमंडल व जिला स्तर के पदाधिकारियों ने स्वीकृति दे दी गयी है, जिसमें पहलेजा व सबलपुर के टोपोलैंड की जमीन के अलावा गंगा नदी, कंगन घाट, जेपी सेतु शामिल है.
इसी प्रकार बेगूसराय, पटना व वैशाली जिले को भी सहमति पत्र अपने-अपने स्तर से देने को लेकर गुरुवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा में कमेटी के अध्यक्ष ने निर्देशित किये है.
सारण के पदाधिकारियों का कहना है कि इस अंतरजिला भूमि हस्तांतरण में टोपो लैंड व बेचिरागी भूमि ही गंगा नदी समेत हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी गयी है.
सारण जिले की सीमा में स्थित कंगन घाट के पास कुछ वर्ष पहले नाव दुर्घटना हुई थी. इसमें 22 लोगों की जाने चली गयी थी. इस दौरान प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान सारण जिले व पटना जिले में समस्या आयी थी.
इस मामले में सारण के पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारियों समेत आधा दर्जन प्रखंड, अनुमंडल व जिला स्तर के पदाधिकारियों को दोषी मानते हुए विभागीय कार्रवाई की गयी. इसके बाद से ही सरकार प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने के उद्देश्य से इन जिलों के अंतरजिला भूमि हस्तांतरण के लिए प्रयासरत है.
इसको लेकर ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने प्रक्रिया शुरू करायी है. सरकार का मानना है कि प्रशासनिक व भौगोलिक दृष्टिकोण से अंतरजिला भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऐसी आपदा की स्थिति में प्रशासनिक व्यवस्था में सहूलियत होगी.
सारण के डीएम डॉ निलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि सारण जिले की ओर से हस्तांतरित की जाने वाली 3212 एकड़ जमीन के संबंध में स्वीकृति दी गयी है. सभी जमीन बेचिरागी व टोपोलैंड है.
कंगन, घाट से लेकर जेपी सेतु दीघा तक की जमीन ही प्रशासनिक व भौगोलिक दृष्टिकोण से हस्तांतरण की स्वीकृति आयुक्त के हस्ताक्षर के बाद भेजी गयी है.
इस भूमि हस्तांतरण में सारण, वैशाली, पटना जिले की जमीन प्रशासनिक एवं भौगोलिक दृष्टिकोण से एक दूसरे जिले को हस्तांतरित की जायेगी. अंतिम तौर पर कैबिनेट की मुहर लगेगी.
Posted by Ashish Jha