दुष्कर्मी को अंतिम सांस तक जेल में कैद रखा जाये, कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को सुनायी सजा
नाबालिग से दुष्कर्म मामले के दोषी सुजीत कुमार को विशेष पाॅक्सो कोर्ट के न्यायाधीश दीपक कुमार ने दोषी पाते हुए अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनायी है. आरोपित औराई थानाक्षेत्र के एक गांव का है. उसे 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया गया है.
मुजफ्फरपुर. नाबालिग से दुष्कर्म मामले के दोषी सुजीत कुमार को विशेष पाॅक्सो कोर्ट के न्यायाधीश दीपक कुमार ने दोषी पाते हुए अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनायी है. आरोपित औराई थानाक्षेत्र के एक गांव का है. उसे 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया गया है. न्यायालय ने पीड़िता को प्रतिकार सहायता स्कीम के तहत दस लाख रुपये देने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को फैसले की काॅपी भेजने का आदेश दिया है.
ये है मामला
2 मई, 2018 को औराई थानाक्षेत्र के एक गांव में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. पीड़िता की मां के बयान पर महिला पुलिस ने आरोपित सुजीत कुमार के विरुद्ध मामला दर्ज किया था. घटना के अगले दिन ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
पीड़िता की मां ने एसकेएमसीएच में पुलिस को बयान दिया था कि घटना के दिन दोपहर करीब एक बजे मेरी आठ साल की बेटी रोते हुए आयी. उसके कपड़े में काफी खून लगा था. पूछने पर उसने बताया कि सुजीत मुझे फुसलाकर कब्रिस्तान ले गया और वहां मेरे साथ गंदा काम किया.
वह बच्ची को लेकर गांव के सरपंच के यहां गयी, तो उन्होंने बच्ची को लेकर थाने भेज दिया. थानेदार ने बच्ची की गंभीर स्थिति को देख एंबुलेंस बुलाया और इलाज के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया. महिला थाना ने आरोपित सुजीत के विरुद्ध 25 जुलाई 2018 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था.
बालिका गृह कांड के आइओ ने की थी जांच
दुष्कर्म के इस मामले की भी जांच बालिका गृह कांड की आइओ रही दारोगा ज्योति कुमारी ने की थी. इस मामले में विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार ने 9 लोगों की गवाही करायी थी. एफएसएल की रिपोर्ट फैसले का मुख्य वैज्ञानिक साक्ष्य बना.
कोर्ट में पीड़िता के सामने आरोपी की पेशी कराने पर उसे देख पीड़िता सहम गयी थी.जज के सामने पहचान कर कहा था कि इसी ने गांव के कब्रिस्तान में ले जाकर मेरे साथ गंदा काम किया था. इधर, सजा होने के बाद आरोपित के गांव वालों ने सजा को सही ठहराते हुए कहा कि इससे समाज में सुधार होगा.
Posted by Ashish Jha