बिहार में जैविक कॉरिडोर योजना ने पकड़ी रफ्तार, अब तक 88 किसान समूहों को मिला सी-वन प्रमाण पत्र

किसान को एक एकड़ के लिए 11 हजार 500 रुपये का अनुदान है. वहीं, ढाई एकड़ के लिए 33 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 22, 2021 10:09 AM

पटना. जैविक कॉरिडोर योजना के अंतर्गत 168 किसान समूहों का गठन हो चुका है. इसमें 63 समूह सहकारिता विभाग तथा 105 समूह एफपीओ में निबंधित किये गये हैं. वहीं, बसोका ने अभी तक 88 समूहों को जैविक खेती के लिए सी- वन प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है.

कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि फरवरी के अंत तक सभी 168 समूहों को प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाये.

जैविक कॉरिडोर को बढ़ावा देने के लिए किसान अकेले अथवा समूह के माध्यम से भी खेती कर सकते हैं. पूर्ण जैविक खेती के लिए तीन साल तक खेती करना है जरूरी .

खेत को पूर्ण रूप से रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक से मुक्त करने के लिए कम -से -कम तीन बार खेती करने की जरूरत है.

इन तीन वर्षों में सी- वन, सी -टू व सी- थ्री का सार्टिफिकेट दिया जाता है. यानी तीन वर्ष खेती करने के बाद यह खेत पूर्ण रूप से जैविक उत्पादन के लिए तैयार हो जाता है.

किसान को एक एकड़ के लिए 11 हजार 500 रुपये का अनुदान है. वहीं, ढाई एकड़ के लिए 33 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है.

Posted by Ashish Jha

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