कागजी घोड़ा साबित हुआ सात वर्ष पहले बनी सिंगल विंडो क्लियरेंस समिति, जानें कितनी हुई बैठकें
उद्यमियों को सुविधा प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्रदेश सरकार ओर से सात वर्ष पहले जिला स्तर पर सिंगल विंडो क्लियरेंस समिति के गठन किया था. लेकिन जिसका लाभ उद्यमियों को नहीं मिल पा रहा है.
दीपक राव, भागलपुर : उद्यमियों को सुविधा प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्रदेश सरकार ओर से सात वर्ष पहले जिला स्तर पर सिंगल विंडो क्लियरेंस समिति के गठन किया था. लेकिन जिसका लाभ उद्यमियों को नहीं मिल पा रहा है. इतना ही नहीं उद्यमियों ने सिंगल विंडो सिस्टम को जमीनी काम की बजाय कागजी घोड़ा करार दिया है.
क्या है सिंगल विंडो सिस्टम
सरकार ने एक ऐसी नीति बनायी, ताकि उद्यमियों की सारी समस्याओं का समाधान एक छत के नीचे होगा. जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में सिंगल विंडो क्लियरेंस समिति बनायी गयी है. जिसके सचिव जिला उद्योग केंद्र मे जीएम होते हैं. इस कमेटी का काम है कि हरेक माह जो उद्यमी उद्योग लगाना चाहते हैं, राज्य सरकार के औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत सारी सुविधाएं उपलब्ध कराये. साथ ही अनुदान संबंधी समस्या को जिला पदािधकारी के समक्ष रखा जाता है और उसके समाधान किये जाते हैं.
चार वर्षों से नहीं हुई बैठक, न ही उद्यमियों की समस्या का हुआ समाधान
इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव आलोक अग्रवाल ने बताया कि इसके चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं इडस्ट्रीज एसोसिएशन के भी प्रतिनिधि हैं. यदि यह कमेटी ठीक से काम करे तो निश्चित रूप से उद्यमियों की बहुत सी समस्याओं का समाधान हो सकता है. इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने बताया कि कई आवेदन अभी भी लंबित पड़े हैं. यह काम नहीं कर रहा है. कोषाध्यक्ष रुपेश बैद ने बताया कि बैठक दो से तीन माह में होनी थी, लेकिन वर्षों बाद बैठक नहीं हुई है. पहले बैंक, बिजली, वाणिज्य कर विभाग एवं प्रदूषण बोर्ड के पदाधिकारी भी रहते थे. समस्याओं का निदान करने पर चर्चा होती थी. आम तौर पर उद्यमियों की शिकायत है कि घोषित सुविधा नहीं मिल पाती है.
कागज पर होती है चर्चा, धरातल पर कुछ नहीं
इस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला ने बताया कि क्षेत्र में उद्यमियों की परेशानी को हल करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लाया गया था. इसके तहत एक ही जगह से उद्योग लगाने से संबंधित सभी सरकारी विभाग की दिक्कतें दूर हो जाये. उद्यमियों द्वारा आये आवेदन पर सार्वजनिक रूप से चर्चा होना तो दूर, अब डीएम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक भी नहीं होती है. अब तक किसी उद्यमी को कोई खास लाभ नहीं मिला. यहां पर उद्यमियों को बढ़ावा नहीं मिल रहा है. कागज पर ही चर्चा होती है. सरकार की ओर से रोड शो व अन्य कार्यक्रम कर उद्यमियों को बरगलाने का काम किया जाता है. सिल्क उद्यमी प्राणेश राय ने बताया कि सिंगल विंडो सिस्टम का कोई लाभ नहीं मिला. केवल इसे लेकर घोषणा हुई. जिला उद्योग केंद्र को काम सौंप दिया गया. इसके तहत लाभ लेने का प्रयास किया था, लेकिन हल नहीं निकला. बियाडा में लूम लगाने के लिए भूमि मुहैया कराना था. इसमें भी कई जगह चक्कर लगाने की नौबत आ गयी तो ऐसे में यह सिंगल विंडो सिस्टम फेल हो गया.
posted by ashish jha