मुजफ्फरपुर. दरभंगा के ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार से कुढ़नी थाने पर 48 घंटे से पुलिस, इनकम टैक्स और इओयू की टीम पूछताछ कर रही है. इस दौरान एएसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद ने जब इंजीनियर से पूछा कि इतने रुपये उसके पास कहां से आये और किसको देने जा रहे थे, तो इंजीनियर ने कहा कि मैं बोलूंगा, तो विस्फोट होगा. फिर, तबीयत खराब होने की बात कहकर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया.
जब उनसे कहा गया कि विस्फोट होता है तो होने दीजिए, आप नाम बताइए. तब उन्होंने कहा कि मैं ऐसी मानसिक स्थिति में नहीं हूं कि बयान दे सकूं. सोमवार की दोपहर एसएसपी जयंतकांत कुढ़नी थाना पहुंचे. दरभंगा स्थित फ्लैट से बरामद 49 लाख रुपये व प्रॉपर्टी के कागजात के संबंध में पूछताछ की गयी. हालांकि, इस दौरान कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी है.
इधर, फकुली ओपी प्रभारी उदय कुमार सिंह के बयान पर भ्रष्टाचार अधिनियम व सरकारी पद का दुरुपयोग करके अवैध तरीके से धन अर्जित करने में आइपीसी की धारा 414 और 13(1)(बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. देर शाम पुलिस ने इंजीनियर की गाड़ी व फ्लैट से बरामद 68 रुपये को निगरानी कोर्ट में प्रस्तुत किया.
इनकम टैक्स और आर्थिक अपराध ईकाई पटना ने अधीक्षण अभियंता से अलग- अलग पूछताछ की है. इस दौरान उसके बयान को रिकॉर्ड किया गया है. बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान उन्होंने मुंह नहीं खोला.
एसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद ने बताया की पूछताछ अभी चल रही है. लेकिन, वह रुपये के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दे रहे हैं. दरभंगा स्थित निजी क्वार्टर से जो प्रॉपर्टी के पेपर मिले हैं, उनमें अधिकतर पुराने कागजात हैं. जांच के लिए रजिस्ट्री ऑफिस से संपर्क किया जा रहा है.
पुलिस ने चालक सरोज सिंह से जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि साहब का पटना में दो जगह प्लॉट हैं. उसने एएसपी को जमीन के लोकेशन के बारे में भी जानकारी दी है.
कुढ़नी थाने पर अधीक्षण अभियंता से पूछताछ के आधार पर पुलिस की एक टीम खगड़िया जिले के अलौली थाने के आलौली गांव में रविवार की देर रात पहुंची. वहां परिवार के सदस्यों से मुलाकात नहीं हो सकी.
पुलिस का कहना है कि इंजीनियर के परिवार के सदस्य घर पर नहीं मिले. पड़ोसियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि गांव में जो भी संपत्ति है, वह पैतृक है. उनके चाचा और पापा की संपत्ति एक साथ है. इसके बाद टीम वापस मुजफ्पुरपर लौट आयी.
एएसपी ने बताया कि अधीक्षण अभियंता को नोटिस देकर छोड़ दिया जायेगा. उनके खिलाफ इओयू, इनकम टैक्स, जिला पुलिस और ग्रामीण कार्य विभाग की जांच जारी रहेगी.
जिला पुलिस ने इसकी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है. जांच की अवधि के दौरान अधीक्षण अभियंता के राज्य से बाहर जाने के लिए पुलिस की बताना होगा. जब भी जरूरत पड़ेगी उसे पूछताछ के लिए बुलाया जायेगा.
एएसपी ने बताया कि जब पुलिस टीम उसके दरभंगा स्थित अपार्टमेंट में छापेमारी की तो देखा कि वहां पर एक छोटा कमरा है, जो अपार्टमेंट के ठीक बाहर है. इसमें अभियंता ने ऑफिस बना रखा है. ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि यहां पर भी उनसे मिलने रोज काफी लोग आते थे, जो घंटों अंदर बैठकर बातचीत करते थे.
इंजीनियर की गाड़ी से 18 लाख रुपये मिलने के बाद पुलिस ने उनके मोबाइल को सीज कर लिया था, लेकिन चालक सरोज सिंह का मोबाइल जब्त करना भूल गयी. पुलिस का कहना है कि जब अधीक्षण अभियंता को लेकर पुलिस पटना में छापेमारी को निकलने वाली थी, तभी उन्होंने मौका पाकर ड्राइवर को कहा कि जल्दी से मेरी पत्नी को कॉल कर बोल दो कि जो भी सामान घर में रखा है, उसे हटा दे. ड्राइवर ने ठीक वैसा ही किया. जब पुलिस टीम वहां पहुंची, तो खाली हाथ लौटी. ड्राइवर ने पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी दी है.
Posted by Ashish Jha