हाई सिक्युरिटी सेल से नहीं निकाले जाने पर बंदी ने जेल में पी ली फिनाइल
जेल के अंदर सेल से बाहर निकाले जाने के लिये उत्तम पटेल ने उक्त घटना को अंजाम दिया
कैमूर. बिहार के कैमूर जिले के भभुआ मंडलकार में बंद उत्तम पटेल ने गुहार लगाने के बाद भी हाई सिक्युरिटी सेल से नहीं निकाले जाने पर गुरुवार को फिनाइल पी लिया. उसके बाद खुद जेल अधीक्षक के पास पहुंचा. जेल अधीक्षक को अवगत कराते हुए कहा कि फिनाइल पीने से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी है. तक आनन-फानन में उसे इलाज के लिये सदर अस्पताल लाया गया. वहां चिकित्सक डॉ सिद्धार्थ ने इलाज किया और इलाज के बाद उसे सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कर दिया गया. दरअसल जेल में मोहनिया गैंगरेप के आरोपित व उत्तम पटेल अलग-अलग हाई सिक्युरिटी सेल में बंद किये गये है.
बुधवार को महनिया के गैंगरेप के आरोपित व उत्तम पटेल के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. गुरुवार को उत्तम पटेल ने जेल अधीक्षक मनोज कुमार से हाई सिक्युरिटी से से बाहर निकाले जाने की गुहार लगायी थी. जेल अधीक्षक ने नियमों का हवाला देकर सेल से बाहर निकालने से इंकार कर दिया. तो गुरुवार की दोपहर में उसने कहा कि वह फिनाइल पी लिया है. जिसके कारण उसकी तबीयत बिगड़ रही है. आननफानन में उसे सदर अस्पताल लाया गया. इधर, जेल अधीक्षक मनोज कुमार ने पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट डीएम व एसपी को भी भेज दी है. जानकारी के अनुसार जेल के अंदर सेल से बाहर निकाले जाने के लिये उत्तम पटेल ने उक्त घटना को अंजाम दिया है.
25 फीसदी राशि रिकवरी करने के बाद छह वारंटियों को छोड़ा गया
एसपी के निर्देश में थानेदारों ने गुरुवार को विशेष अभियान के दौरान जिले के तीन थानों से दह वारंटियों को हिरासत में लिया गया. इन्हें गुरुवार को नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी के पास पेश किया गया. वहां संबंधित वादों की सुनवाई नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी के पास पेश किया गया. वहां संबंधित वादों की सुनवाई नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी द्वारा की गयी. सोनहन के बरहुली के सुनील कुमार राम मोहनिया पनसेरावा गांव निवासी राजकुमार यादव व नुआंव थाना क्षेत्र से एक अभियुक्त सहित छह वारंटी को हिरासत में लिये गये वारंटियों ने बकाया का 25 प्रतिशत राशि जमा किया, जिसके बाद शेष राशि की किस्त बांद वारंटियों को दिया गया. इन वारंटियों पर विभाग का लाखों रुपये बकाया है. गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों द्वारा बैंक से पैसा लेकर टेंपों खरीदा था. विभाग द्वारा नोटिश भेजने के बाद भी पैसा जमा नहीं किया था. इस पर संज्ञान लेते हुए बैंक द्वारा संबंधित बकायेदारों के खिलाफ नीलाम पत्र वाद दायर किया गया था.