सरकारी अनुदान के बाद भी नहीं बदला रेट, किसानों को पुराने रेट पर ही बाजार में मिलेगा डीएपी
किसानों को अब डीएपी 1200 रुपये प्रति बोरे के रेट के हिसाब से मिलेगा. भारत सरकार द्वारा डीएपी खाद पर अनुदान राशि बढ़ा दिये जाने के बाद अधिकतर कंपनियों ने खाद की जो कीमत तय की है वह लगभग समान है.
पटना. किसानों को अब डीएपी 1200 रुपये प्रति बोरे के रेट के हिसाब से मिलेगा. भारत सरकार द्वारा डीएपी खाद पर अनुदान राशि बढ़ा दिये जाने के बाद अधिकतर कंपनियों ने खाद की जो कीमत तय की है वह लगभग समान है, यानी डीएपी के भाव में इस साल कोई बढ़ोतरी नहीं है. एक बोरे में 50 किलो डीएपी होता है. बाजार में डीएपी का नया रेट पुराने रेट के आसपास ही है. पूरी दुनिया में फास्फेटिक खाद के मूल्य में वृद्धि हुई है.
भारत में लगभग सभी कंपनियों ने बढ़े हुए दर पर खाद की बिक्री करने की तैयारी कर ली थी. किसानों पर बोझ न पड़े इसके लिए मोदी सरकार ने सरकार द्वारा डीएपी पर दिये जाने वाले अनुदान को 150 फीसदी बढ़ा दिया. इससे कंपनी और किसान दोनों के हित साध दिये गये.
बिहार में इनके खाद की सबसे अधिक मांग
बिहार में सर्वाधिक खाद बिक्री करने वाली कंपनियों में इफको और इंडोरमा हैं. एक बोरा (50 केजी) की कीमत दोनों ने करीब- करीब समान रखी है. इफको की डीएपी की कीमत 1200 रुपये प्रति बोरा है.
इस कंपनी ने एनपीके 20-20-13 का रेट 975, एनपीके 10-26-26 का 1175 और एनपीके 12-32-16 का मूल्य 1185 रुपये प्रति बोरा निर्धारित किया है. इसके विपरीत इंडोरमा के ब्रांड पारस 12-32-16 का मूल्य 1335 रुपये और 10-26-26 का रेट 1375 रुपये प्रति बोरा है.
Posted by Ashish Jha