जोगबनी (अररिया). तीन पुत्र वह भी सब कुछ से संपन्न, बावजूद छह वर्षों से पिता को कमरे में इस प्रकार बंद कर रखा, जैसे उसने पुत्रों को जन्म देकर कोई गुनाह किया हो.
मानवता को शर्मसार करती एक ऐसी ही घटना से सोमवार को जोगबनी बाजार में सनसनी फैल गयी, जब एक वृद्ध को उसके ही तीन कलियुगी पुत्रों द्वारा छह वर्षों तक एक कमरे में कैद कर रखने का मामला प्रकाश में आया.
जोगबनी वार्ड संख्या 11 बस स्टैंड स्थित एक पुराने जर्जर मकान की बंद पड़ी दुकान में 95 वर्षीय वृद्ध राधाकृष्ण साह को उसके ही तीन पुत्रों ने बंद कर रखा था.
मिली जानकारी के अनुसार वृद्ध के तीन पुत्र उपेंद्र साह, राजेंद्र साह व हरेराम साह जो काफी सुखी-संपन्न व्यापारी हैं, लेकिन इन तीनों बेटों के घर में पिता के रहने के लिए एक छोटी-सी जगह नहीं मिल सकी. हालांकि वृद्ध के दूसरे नंबर का पुत्र राजेंद्र साह ही दिन में दो बार आता था व वृद्ध को भोजन देकर पुनः दरवाजा बंद कर चला जाता था.
छह वर्षों से वृद्ध ने सूरज को रोशनी भी ठीक से नहीं देखी थी. वहीं वृद्ध के कमरे में कैद होने की जानकारी कुछ लोगों ने मीडिया व प्रशासन को दी, जिसके बाद जोगबनी के थानाध्यक्ष आफताब अहमद उक्त स्थल पर सदल बल पहुंचे.
उसके बाद वार्ड संख्या 11 के वार्ड पार्षद सह मुख्य पार्षद प्रतिनिधि राजू राय भी उक्त स्थल पर पहुंचे. सभी की उपस्थिति में कमरे को खोल वृद्ध को बाहर निकाला गया.
Posted by Ashish Jha