दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर धरना दे रहे भाजपा सांसद का मंच टूटा, मौके पर मची अफरा-तफरी
मंच पर बीजेपी सांसद गोपालजी ठाकुर समेत बीजेपी के कई विधायक मौजूद थे. मंच टूटने के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल देखा गया. किसी को गंभीर चोट आने की सूचना नहीं है. वैसे कुछ कार्यकर्ताओं को हल्की चोट आने की सूचना है.
दरभंगा. दरभंगा में एम्स के लिए अधिग्रहित जमीन पर बना वो मंच टूट गया है जिसपर बैठकर दरभंगा के सांसद समेत जिला भाजपा के तमाम नेता अनिश्चितकालीन धरना दे रहे थे. एम्स निर्माण में हो रही देरी और राज्य सरकार के रवैये के खिलाफ धरना दे रहे भाजपा नेताओं का मंच टूटने से अफरा-तफरी मच गई. मंच पर बीजेपी सांसद गोपालजी ठाकुर समेत बीजेपी के कई विधायक मौजूद थे. मंच टूटने के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल देखा गया. किसी को गंभीर चोट आने की सूचना नहीं है. वैसे कुछ कार्यकर्ताओं को हल्की चोट आने की सूचना है.
बीजेपी नेता जमीन पर आ गये
दरभंगा में एम्स के निर्माण में हो रही देरी को लेकर बीजेपी सांसद गोपाल जी ठाकुर के नेतृत्व में महाधरना का आयोजन किया गया था. बीजेपी सांसद के साथ साथ अन्य बीजेपी विधायक और पार्टी के नेता मंच पर बैठे हुए थे और नीतीश सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे, तभी अचानक मच धराशाही हो गया और मंच पर बैठे बीजेपी नेता जमीन पर आ गए. मंच के टूटने के बाद मौके पर अफरा तफरी मच गई और मंच पर मौजूद नेता बाल-बाल बचे.
विपक्ष लगा रहा भाजपा पर गुमराह करने का आरोप
दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर सियासत तेज हो गई है. एक तरफ महागठबंधन के नेता महाधरने पर बैठे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ दरभंगा से बीजेपी सांसद गोपाल जी ठाकुर ने भी अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है. बीजेपी का आरोप है कि बिहार सरकार एम्स के निर्माण में जान बूझकर अडंगा लगा रही है, ताकि एम्स निर्माण का श्रेय बीजेपी और केंद्र सरकार को नहीं मिल सके. बीजेपी का आरोप है कि बिहार सरकार मिथिलावासियों को एम्स के नाम पर गुमराह करने की कोशिश कर रही है और उपयुक्त जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है.
कृपया दरभंगा एम्स पर जनता को गुमराह करना बंद करें भाजपा
इधर, जदयू नेता और नीतीश सरकार में मंत्री संजय झा ने कहा कि दुनिया को सत्य एवं अहिंसा की शक्ति से परिचित कराने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की आज जयंती है. क्या हम उम्मीद करें कि भाजपा नेता आज से यह झूठ फैलाना बंद कर देंगे कि केंद्र सरकार शोभन में दी गई जमीन पर एम्स निर्माण के लिए तैयार है. क्या वे गुमराह करने का प्रयास बंद करके केंद्र सरकार से एनओसी दिलाने में सहयोग करेंगे? माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने दरभंगा एम्स के लिए शोभन-एकमी बाईपास के निकट चिह्नित भूमि के एक-एक पहलू की खुद स्थल पर जाकर समीक्षा करने के बाद ही उसकी स्वीकृति दी है.
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जैसे ही कोई सकारात्मक उत्तर मिलेगा, मिट्टी भराई का काम शुरू कर दिया जाएगा
बिहार सरकार एम्स निर्माण के लिए 151.17 एकड़ जमीन मुफ्त जमीन देने के साथ-साथ उसमें मिट्टी भराई तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए भी 309 करोड़ से अधिक रुपये कैबिनेट से मंजूर कर कार्य का टेंडर जारी कर चुकी है. दिल्ली से आई केंद्रीय टीम ने उक्त भूमि का मुआयना करने के बाद स्थानीय पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि वह जमीन उपयुक्त है. लेकिन, बाद में पता नहीं क्या हुआ कि केंद्र सरकार ने उक्त भूमि को लो लैंड बताते हुए वहां एम्स निर्माण से मना कर दिया. केंद्र से जैसे ही कोई सकारात्मक उत्तर मिलेगा, उसके तत्काल बाद मिट्टी भराई का काम शुरू कर दिया जाएगा. जब तक केंद्र सरकार वहां एम्स निर्माण की सहमति नहीं देगी, बिहार सरकार वहां मिट्टी भराने पर जनता का पैसा क्यों खर्च करेगी?
मिट्टी मुफ्त देने की सहमति
संजय झा ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट के लिए भूमि का अधिग्रहण भी केंद्र सरकार से एनओसी मिलने के बाद किया गया था. मुख्यमंत्री विधानसभा में और बाहर भी बार-बार कह चुके हैं कि दरभंगा एम्स के लिए मुफ्त आवंटित भूमि पर मिट्टी भराई और हाईवे से फोरलेन कनेक्टिविटी सहित उसके विकास के लिए जो भी करना होगा, राज्य सरकार अपने संसाधनों से करवाएगी. जल संसाधन विभाग, बिहार ने खिरोई नदी और बागमती नदी से मिट्टी मुफ्त देने की सहमति भी दे दी है.
किसी भी जिले से मरीजों का वहां पहुंचना सुगम होगा
बिहार सरकार की तरफ से माननीय उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया जी को दिनांक 22 जून 2023 और 14 अगस्त 2023 को पत्र लिख कर विस्तार से बताया कि आवंटित भूमि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से मात्र 3 किमी, आमस दरभंगा फोरलेन से मात्र 5 किमी, और दरभंगा एयरपोर्ट से मात्र 10 किमी की दूरी पर है. इससे किसी भी जिले से मरीजों का वहां पहुंचना सुगम होगा.
दरभंगा एम्स की स्थापना के लिए उक्त भूखंड के प्रस्ताव को स्वीकृत करें
एम्स की स्थापना शहर से बाहर होने पर दरभंगा शहर के विस्तार के साथ नये इलाके में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. पत्र में यह भी बताया गया है कि डीएमसीएच में अब भूमि उपलब्ध नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार उसे 2500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में पुनर्विकसित करने के लिए 3,115 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत कर चुकी है. साथ ही अनुरोध किया गया है कि उत्तर बिहार की जनता के व्यापक हित में दरभंगा एम्स की स्थापना के लिए उक्त भूखंड के प्रस्ताव को स्वीकृत करें.
ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे को ओछी राजनीति में न फंसाएं
बिहार सरकार को केंद्र के सकारात्मक उत्तर का बेसब्री से इंतजार है. दरभंगा में एम्स बनेगा तो इससे केवल दरभंगा के लोगों को लाभ नहीं होगा, संपूर्ण मिथिला और संपूर्ण उत्तर बिहार के साथ-साथ नेपाल तक से लोग वहां आकर गुणवत्तापूर्ण इलाज करवा पाएंगे. इसलिए भाजपा नेताओं से विनम्र अनुरोध है कि जनहित के ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे को ओछी राजनीति में न फंसाएं और केंद्र से एनओसी दिलाने में सहयोग करें.