पटना. पटना सहित पूरे राज्य में बीते दो दिनों से हो रही आंधी-बारिश और वज्रपात आफत लेकर आई है. बारिश की वजह से पटना के अधिकांशत जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई. वहीं वज्रपात से अबतक 29 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. जहां मंगलवार को 22 लोगों की वज्रपात से मौत हुई थी, वहीं आज भी सात लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मारे गए हैं. प्रदेश के सारण जिले में पांच, भोजपुर में चार, मुजफ्फरपुर, बेतिया, मोतिहारी में दो-दो, अररिया में दो, बांका में एक,नवादा-बक्सर में एक-एक मौत मंगलवार को हुई थी, वहीं बुधवार को सासाराम में दो छपरा में तीन मुजफ्फरपुर में एक अरवल में एक लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत के गाल में समा गए है. इनके अलावा सासाराम में 3 लोग झुलसे भी गए हैं, जिन का इलाज चल रहा है.
बिहार की डिप्टी सीएम सह आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी ने ट्वीट कर बुधवार को कहा कि ’29 जून को वज्रपात से 7 लोगों की मौत हुई है.’मौजूदा सीजन में 35 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा मंगलवार से लेकर आज तक 29 लोगों की मौत हुई है वहीं इससे पहले भी 6 लोगों की मौत इस सीजन में हो चुकी है. इस तरह आजतक वज्रपात से मौत का आंकड़ा 35 पहुंच गया है. बारिश की वजह से बिहार विधानमंडल परिसर में जलभराव हो गया. हालांकि इसे जल्द ही दूर कर लिया गया. मॉनसून की पहली ही बारिश में पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में (एनएमसीएच) के कई वार्डों में बारिश का पानी घुस गया.
मधुबनी जिले में बारिश की वजह से मकमला नदी खतरों के निशान से ऊपर पहुंच गई है. कमला पुल के 8 फाटक से वॉटर डिस्चार्ज किया जा रही है जिसकी वजह से निचले इलाकों में पानी फैलने का अलर्ट जारी किया गया है. जिले में तेज बारिश की वजह से नगर पंचायत फुलपरास के सिसवा बरही गांव में जल निकासी नहीं होने को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने फुलपरास के पूर्व विधायक देवनाथ यादव घर के सामने घोघरडीहा-खुटौना मुख्यपथ को जाम कर दिया. वैशाली में बारिश से हालांकि किसानों के चेपरे पर खुशी देखने को मिली है लेकिन हाजिपुर नगर परिषद की पोल खुल गई है. शहर के ज्यादातर इलाकों में जलभराव और जाम की स्थिति दिनभर बनी रही. शिवहर में आकाशीय बिजली गिरने से तरियानी पावर हॉउस के 15 बिजली पोल का इंसुलेटर जल गया. जिसकी वजह से कई घंटों तक बिजली की आपूर्ति बाधित रही