बिहारशरीफ डेंटल कॉलेज के एकेडमिक ब्लॉक का स्ट्रक्चर तैयार, मार्च 2022 तक पूरा हो जायेगा परिसर का निर्माण
स्ट्रक्चर निर्माण कार्य लगभग 75 प्रतिशत पूरा हो चुका है. कुछ भवनों में फिनिशिंग का कार्य चल रहा है. इस परिसर में 8.80 लाख लीटर क्षमता का अंडर ग्राउंड वाटर टैंक भी बनाया जा रहा है, जिससे संपूर्ण परिसर में पेयजल की आपूर्ति की जायेगी.
बिहारशरीफ. क्षेत्र भ्रमण के क्रम में जिला पदाधिकारी ने बुधवार को राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल रहुई के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इस डेंटल कॉलेज अस्पताल का निर्माण रहुई प्रखंड के पैठना में लगभग 19.23 एकड़ क्षेत्रफल में 383 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है.
इसका निर्माण बिहार मेडिकल सर्विस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा संवेदक अहलूवालिया कांट्रैक्ट्स इंडिया लिमिटेड के माध्यम से कराया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य मार्च 2022 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित है.
निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के अनुरूप चल रहा है तथा मार्च 2022 तक इसे पूर्ण कर लिया जायेगा. जिलाधिकारी ने निरीक्षण के क्रम में संपूर्ण परिसर के थ्री-डी मॉडल के आधार पर विभिन्न संरचनाओं के निर्माण के बारे में जानकारी ली.
निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि एकेडमिक ब्लॉक के स्ट्रक्चर का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, ऑडिटोरियम के स्ट्रक्चर का निर्माण भी पूर्ण हो चुका है.
इस परिसर में 100 बेड क्षमता का दंत अस्पताल, पावर सब स्टेशन, निदेशक एवं अधीक्षक का अलग-अलग आवास, 60 बेड क्षमता का नर्स हॉस्टल, गर्ल्स हॉस्टल, चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों के लिए टाइप वन से टाइप 05 तक के अलग-अलग आवासीय कंपलेक्स का निर्माण, धर्मशाला ब्लॉक, शॉपिंग कंपलेक्स आदि का निर्माण इस परिसर में एक साथ चल रहा है.
स्ट्रक्चर निर्माण कार्य लगभग 75 प्रतिशत पूरा हो चुका है. कुछ भवनों में फिनिशिंग का कार्य चल रहा है. इस परिसर में 8.80 लाख लीटर क्षमता का अंडर ग्राउंड वाटर टैंक भी बनाया जा रहा है, जिससे संपूर्ण परिसर में पेयजल की आपूर्ति की जायेगी.
निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य की प्रगति को देखकर संतोष व्यक्त किया तथा निर्धारित समय से पूर्व कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया. निरीक्षण के क्रम में कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल सहित निर्माण एजेंसी के अभियंता एवं प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद थे.
Posted by Ashish Jha