बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों का नहीं बढ़ेगा कार्यकाल, 15 जून के बाद परामर्शी समिति संभालेगी पंचायतों की कमान

राज्य में इस बार समय पर पंचायत चुनाव नहीं होगा, यह तय हो गया है. किसी स्तर के जनप्रतिनिधि का कार्यकाल किसी परिस्थिति में विस्तारित करने का कोई प्रावधान संविधान में नहीं है. इसके कारण सरकार त्रिस्तरीय पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ा सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 2, 2021 6:34 AM

पटना. राज्य में इस बार समय पर पंचायत चुनाव नहीं होगा, यह तय हो गया है. किसी स्तर के जनप्रतिनिधि का कार्यकाल किसी परिस्थिति में विस्तारित करने का कोई प्रावधान संविधान में नहीं है. इसके कारण सरकार त्रिस्तरीय पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ा सकती है. इसलिए पंचायतों में विकास कार्यों को जारी रखने और पंचायत स्तरीय प्रशासन व्यवस्था को बनाये रखने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाने जा रही है. इसके तहत परामर्शी समिति गठित करने के विशेष प्रावधान किये जायेंगे.

यह अध्यादेश 15 जून के पहले आ जायेगा. इससे पहले कैबिनेट की विशेष बैठक होगी, जिसमें इस अध्यादेश को पारित कराया जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की ऑनलाइन हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. हालांकि, कैबिनेट में पास हुए 18 एजेंडों में यह प्रस्ताव शामिल नहीं था. इसे अलग से पेश करके इस पर गहन चर्चा की गयी.

कैबिनेट की बैठक में यह तय हुआ कि पंचायत स्तरीय सभी जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त होने के बाद आगे विकास कार्यों की गति सुचारु बनाये रखने के लिए एक परामर्शी समिति का गठन किया जायेगा. समिति का नाम बदलकर ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला पर्षद परामर्शी समिति हो जायेगा.

इन समितियों का गठन करने के लिए पंचायती राज अधिनियम 2006 की कुछ धाराओं में जरूरी बदलाव करने की आवश्यकता होगी. इसके बाद ही परामर्शी समितियों का गठन हो पायेगा. कानून में बदलाव की अनुमति लेने के लिए इसे फिलहाल राज्यपाल के पास भेजा गया है. वहां से अनुमति प्राप्त होने के बाद जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर इन समितियों का गठन किया जायेगा.

इसके बाद ही यह तय होगा कि तीन स्तर पर गठन होने वाली समितियों का प्रारूप क्या होगा. इसमें कौन-कौन सदस्य होंगे और इसके अधिकार क्या होंगे और कितने हद तक होंगे. ये सभी बातें तय होंगी. जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यही समितियां तीनों स्तर पर सभी कार्यों को देखेंगी और समुचित मॉनीटरिंग करेगी. पंचायत चुनाव होने तक ये समितियां कार्य करेगी.

परामर्शी समिति में अधिकारी भी हो सकते हैं शामिल

पंचायती राज्य िवभाग के आिधकािरक सूत्रों का कहना है कि मौजूदा पंचायत जनप्रतिनिधियों को भी परामर्शी समिति में उचित स्थान दिया जायेगा. इनके साथ ही संबंधित अधिकारियों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है. हालांकि, समितियों के गठन की अनुमति मिलने के बाद ही राज्य सरकार इसका स्वरूप तय करेगी.

परामर्शी समितियों में ये प्रतिनिधि होंगे सदस्य

विभागीय सूत्रों के मुताबिक ग्राम पंचायत की परामर्शी समिति में मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच और पंच परामर्शी समिति के सदस्य होंगे. इसी प्रकार से पंचायत समिति में प्रमुख और पंचायत समिति सदस्य परामर्शी समिति के सदस्य होंगे और जिला पर्षद में जिला पर्षद अध्यक्ष और जिला पार्षद परामर्शी समिति के सदस्य होंगे.

मंत्री बोले, राज्यपाल की अनुमति के बाद स्वरूप पर होगा निर्णय

इस मामले में पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि अभी तो फिलहाल सिर्फ पंचायतों में परामर्शी समिति का गठन करने का निर्णय हुआ है. राज्यपाल के स्तर से इसकी अनुमति मिलने के बाद ही इसके स्वरूप समेत अन्य सभी बातों पर अंतिम रूप से निर्णय लिया जायेगा. मालूम हो कि त्रिस्तरीय पंचायत राज के वर्तमान जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है. कोरोना के कारण फिलहाल चुनाव नहीं हो पायेगा.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version