जूही स्मिता, पटना. महानगरों से होते हुए महिला बाउंसर्स का चलन अब पटना शहर पहुंच गया है. सिर्फ निजी संस्थान ही नहीं, बल्कि पटना नगर निगम भी आउटसोर्स के माध्यम से इनकी सेवाएं ले रहा है.
पिछले साल नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए महिलाओं का टास्क फोर्स तैयार किया गया, जिसमें कुल आठ महिलाओं का चयन बाउंसर्स के रूप में हुआ है.
इनमें अंजलि, डेजी कुमारी, स्वीटी देवी, संगीता देवी, सीमा कुमारी, जूली, रूपा और इशरत हैं. अभियान के दौरान इनकी जिम्मेदारी विधि-व्यवस्था बनाये रखने की होती है. इन महिलाओं ने अभियान के दौरान मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है.
जक्कनपुर की रहने वाली संगीता देवी बताती हैं कि मेरी इच्छा थी कि मैं भी अन्य महिलाओं की तरह जॉब करूं. आठ घंटे की ड्यूटी के दौरान जहां-जहां अतिक्रमण होता है, वहां हम लोगों को आने-जाने की दिशा बताते हैं.
हमारे सीनियर हर वक्त मौजूद रहते हैं और कोई परेशानी होने पर तुरंत मदद करते हैं. मेरे इस काम में घरवालों का पूरा सहयोग मिल रहा है. इसकी वजह से मैं पूरे दिल से यहां अपना काम करती हूं.
गोनपुरा फुलवारीशरीफ की रहने वाली स्वीटी देवी बताती हैं कि टास्क फोर्स का हिस्सा बन कर काफी खुश हैं. उनके दो बच्चे हैं और उनके बेहतर भविष्य के लिए जॉब कर रही हैं.
ड्यूटी के दौरान वॉशरूम की समस्या होती है, लेकिन वे उन्हें मैनेज कर लेती हैं. ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले आउट सोर्स कंपनी की ओर से उन्हें ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं.
शाहपुर की रहने वाली सीमा कुमारी बताती हैं कि इस जॉब के लिए उनकी मां सपोर्ट कर रही हैं, लेकिन उनके नाते-रिश्तेदार ताना देते हैं. कहते हैं कि पढ़-लिखकर कचरा उठाओगी.
मैं महात्मा गांधी को आदर्श मानती हूं और स्वच्छ-स्वस्थ भारत के उनके सपने को साकार करना चाहती हूं. जॉब मैं खुद को सेल्फ इंडिपेंडेंट बनाने के लिए कर रही हूं.
नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार पंकज ने कहा कि यहां पर जितनी भी महिलाएं हैं, सभी ड्यूटी को लेकर सजग हैं.
हमारी पूरी कोशिश होती है कि इन्हें अपनी ड्यूटी के दौरान कोई परेशानी का सामना न करना पड़े. ड्यूटी दौरान अगर इन्हें कोई परेशानी होती है तो वे बेझिझक हमारे पास आकर बता सकती हैं.
Posted by Ashish Jha