सिवान. दरौंदा में वर्षों से सड़क समस्या से जूझ रहे ग्राम पंचायत शेरही के कोडर वार्ड नंबर 12 के ग्रामीणों ने बगैर किसी शासकीय सहयोग के खुद के दम पर जन सहयोग से अपनी राह को आसान कर रहे है. इस वार्ड के ग्रामीणों ने करीब 250 मीटर लंबे मार्ग पर मिट्टीकरण कर आवागमन के लिए रास्ते का निर्माण किया है. यह अपना रास्ता को खुद सुगम कर रहे है.
कोडर गांव की आबादी भी 250 से 300 के बीच ही है. कम आबादी होने के कारण ग्रामीणों को मुलभूत सुविधाओं का समुचित लाभ भी नही मिल पाता है. गांव से परसा-बगौरा मार्ग पर आने के लिए ग्रामीणों को काफी मशक्कत करना पड़ता है. बारिश के दिनों में ग्रामीणों का आवागमन बंद हो जाता है. यहाँ के बच्चे स्कूल नही जा पाते है.
गर्भवती महिलाओं को मुख्य सड़क पर जाने के लिए घटिया पर लाद कर ले जाया जाता है. प्रतिवर्ष बारिश के समय निर्मित होने वाली इस समस्या से ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम पंचायत के मुखिया सहित प्रशासन को अवगत कराया. लेकिन गांव की आबादी कम होने के कारण ग्रामीणों को सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया.
मुख्यमंत्री सड़क योजना का इन्हें लाभ नहीं मिला. इस वर्ष इंतजार था कि मुख्यमंत्री सड़क योजना या मनरेगा के अंतर्गत बारिश के पूर्व गांव तक कच्ची सड़क बन जाएगी, लेकिन जब कोई सुगबुगाहट नहीं दिखाई दी तो ग्रामीणों ने जन सहयोग से इस मार्ग को सुगम करने का निर्णय ले लिया. अपने स्तर पर हर व्यक्ति ने साधन जुटाए। किसी ने नकद राशि दी तो किसी ने अपने संसाधन लगाए. कुछ लोगो ने अपनी निजी जमीन भी सड़क के निर्माण में दे दिए.
ग्रामीणों के मुताबिक सड़क नहीं होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्कूल में जाने वाले विद्यार्थियों को भी स्कूल तक पहुंचने में परेशान होना पड़ता था. बारिश में बच्चे स्कूल ही नहीं जा पाते है वर्षों से हम जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण को लेकर गुहार लगाते आ रहे थे लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी.
समस्या अधिक होने पर हमारे द्वारा जनसहयोग से सड़क निर्माण किया गया. ग्रामीण अशोक मांझी, मुकेश मांझी, मानिद्र मांझी, राम अयोध्या मांझी, मिथलेश कुमार, रंजन कुमार, तारकेश्वर कुमार के अलावे अन्य लोगों ने सहयोग दिया.
Posted by Ashish Jha