एलपीएम वितरण का काम अब होगा ऑनलाइन घर बैठे जान पायेंगे नये सर्वे में जमीन रिकॉर्ड की स्थिति
रैयतदार- किसानों को को अब लैंड पार्सल मैप(एलपीएम ) के लिए भागदौड़ नहीं करनी होगी़ राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने एलपीएम वितरण का काम ऑनलाइन करने की सुविधा उपलब्ध करा दी है़
पटना. रैयतदार- किसानों को को अब लैंड पार्सल मैप(एलपीएम ) के लिए भागदौड़ नहीं करनी होगी़ राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने एलपीएम वितरण का काम ऑनलाइन करने की सुविधा उपलब्ध करा दी है़ अभी यह सुविधा बेगूसराय, सुपौल और शेखपुरा जिलों के लोगों को ही मिलेगी़ वहां नये सर्वे का काम पूरा हो कर हो चुका है़
इन जिलाें के मौजों में खेसरा पंजी तैयार हो चुकी है़ जिन बीस जिलों में सर्वे चल रहा है, उनका जैसे-जैसे जमीनी कार्य पूरा होता जायेगा, एलपीएम आॅनलाइन होता जायेगा़ सबसे अधिक सहूलियत उन लोगों को होगी जिनकी जमीन बिहार में है, लेकिन वह रहते राज्य के बाहर है़ं अब गांव के बाहर रह रहा भू- स्वामी नये सर्वे में अपनी जमीन का नक्शा और उसमें दर्ज अपने नाम को देख सकेगा़
इसके अलावा गांव का कोई भी रैयत अपना या पूरे गांव के हरेक प्लॉट का नक्शा एवं उसके मालिक का नाम देख और प्रिंट कर सकता है़ घर बैठे आॅनलाइन यह जान लेंगे कि विशेष सर्वे के बाद उनकी जमीन का ब्योरा सही है कि नहीं.
जमीन पर पड़ोसी या किसी अन्य का नाम तो दर्ज नहीं हो गया है़ रिकाॅर्ड में रकबा नक्शा सही दिखाया गया है कि नहीं. यदि इसमें कोई कमी होती है, तो जमीन मालिक आॅनलाइन इसकी शिकायत भी दर्ज करा सकेगा़ गौरतलब है कि राजस्व विभाग सर्वे पूरा होने के बाद सभी किसानों को एलपीएम देता है़
क्या है लैंड मैप पार्सल
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा भूमि सर्वे का जमीनी स्तर पर भी काम पूरा होने के बाद एक ड्राफ्ट नक्शा तैयार किया जाता है़ इस नक्शा को लैंड मैप पार्सल (एलपीएम) कहा जाता है़ राजस्व रिकाॅर्ड में जिस प्रकार गांव का एक नक्शा होता है, वैसे ही प्रत्येक प्लॉट यानी पार्सल का एक नक्शा होता है़
यह नक्शा गांव के नक्शे के उलट ए-फोर साइज के कागज पर प्रिंट किया जाता है़ भूमि सर्वेक्षण के दौरान किस्तवार और खानापुरी के बाद जब अमीन द्वारा गांव का खेसरा पंजी तैयार कर लिया जाता है, तो उसके आधार पर एलपीएम जेनेरेट किया जाता है़ इसे गांव के हरेक रैयत को हार्ड कॉपी में दिया जाता है, ताकि इसमें किसी तरह की गलती है, तो उसकी पहचान कर सुधार करवा लिया जाये़
गड़बड़ी का पता चलने पर समय पर होगा सुधार
अब तक एलीपीएम को अमीन और राजस्व कर्मचारी घर-घर जाकर पहुंचाते थे़ वितरण में पैसे मांगने की शिकायत आती रहती थी़ं जो लोग गांव से बाहर रहते हैं उन्हें एलपीएम मिलता ही नहीं था़ लिहाजा ऐसे लोगों को किसी गड़बडी की जानकारी नहीं मिलती थी़
अंतिम नक्शा निकल जाने के बाद सार्वजनिक होता था तब किसान को पता चलता था कि उसके प्लाॅट का नक्शा गलत है, या उसमें दूसरे का नाम चढ़ गया है़ देर से गड़बड़ी का पता चलने पर उसे ठीक कराना मुश्किल होता था़
एलपीएम ऐसे कर सकेंगे प्रिंट
एलपीएम प्रिंट करने के लिए भू-अभिलेख और परिमाप निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर जाकर भू-नक्शा लिंक को क्लिक करना होगा़ इससे एक नया पेज खुलेगा जिस पर अपने जिला, अंचल और मौजा का नाम चुनना है़ इस पृष्ठ पर मौजूद बाकी तीन विकल्पों को छोड़ देना है़ तीनों विकल्पों के चयन के बाद जो पेज खुलेगा उसमें आपके गांव में हुए नये विशेष सर्वे का नक्शा मिलेगा़
आप सीधे अपने प्लॉट को क्लिक कर सकते हैं. सर्च में जाकर भी अपने प्लॉट को खोज सकते है़ं प्लॉट नंबर को क्लिक करने के साथ ही पेज के बाएं में उससे संबंधित तमाम जानकारी विस्तार से उपलब्ध हो जायेगी़ इसमें नये प्लॉट का नंबर, रकबा, मालिक का नाम- पता, उसकी चौहद्दी आदि हर चीज दर्ज रहेगी़ अगर किसी रैयत के एक से अधिक प्लॉट हैं, तो नीचे में बाकी प्लॉट की लिस्ट भी होगी़ एक-एक कर एलपीएम प्रिंट किया जा सकता है़
Posted by Ashish Jha