बिहार में प्रधानाध्यापक की परीक्षा में होंगे 150 अंकों के 150 सवाल, होगी निगेटिव मार्किंग
प्रधानाध्यापक नियुक्ति एवं सेवाशर्त नियमावली-2021 के संबंध में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है. नियमावली के अनुसार इन दोनों पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा लेगा. सीधी भर्ती के लिए होने वाली इस परीक्षा में 150 अंकों के 150 सवाल पूछे जायेंगे.
पटना. प्रधानाध्यापक नियुक्ति एवं सेवाशर्त नियमावली-2021 के संबंध में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है. नियमावली के अनुसार इन दोनों पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा लेगा. सीधी भर्ती के लिए होने वाली इस परीक्षा में 150 अंकों के 150 सवाल पूछे जायेंगे.
अधिसूचना के मुताबिक सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव और बहुवैकल्पिक होंगे. परीक्षा में निगेटिव मार्किंग की जायेगी. प्रत्येक प्रश्न एक नंबर का होगा. वहीं प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काट लिया जायेगा. यानी चार प्रश्नों के गलत उत्तर देने पर एक अंक कट जायेगा. परीक्षा की अवधि दो घंटे तय की गयी है.
उल्लेखनीय है कि इस नियमावली से प्रोजेक्ट कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय एवं राजकीयकृत स्कूलों के प्रधानाध्यापक का संवर्ग अप्रभावित रहेगा. यह नियमावली केवल 5334 उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों से जुड़ी है. प्रधानाध्यापक का पद प्रमंडलीय स्तर का होगा.
प्रधान शिक्षक के लिए शैक्षणिक योग्यता
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-स्नातक के अलावा डीएलएड /बीटी/बीएड/बीएपीएस/बीएससीपीएस/बीएलपीएस की योग्यता होना अनिवार्य.
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-यह पद जिला संवर्ग का होगा.
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– प्रधान शिक्षक की परीक्षा भी 150 अंकों की होगी. अंक भी उसी तरह देय होंगे. प्रश्नों की रूपरेखा प्रधानाध्यापक पद की भांति होगी. हालांकि, उसके स्तर पर अंतर होगा.
वेतन व सुविधाएं
सूत्रों के मुताबिक प्रधानाध्यापक पद के लिए वेतन 35 हजार रुपये के साथ ही डीए व हाउस रेंट आदि सुविधाएं देय हो सकती हैं. वहीं, प्रधान शिक्षक के लिए वेतन 30 हजार रुपये और नियमित शिक्षकों को दी जाने वाली दूसरी सुविधाएं देय होंगी.
प्रधानाध्यापक के लिए योग्यताएं
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50% अंकों के साथ स्नातकोत्तर ( एससी-एसटी/इबीसी/बीसी/दिव्यांग/महिला व इडब्ल्यूसी के लिए न्यूनतम अंक में 5% की छूट दी जायेगी)
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मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विवि, पटना / बिहार राज्य मदरसा बोर्ड से आलिम की डिग्री या कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि से प्रदत्त शास्त्री की डिग्री को स्नातक के समतुल्य माना जायेगा.
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बीएड/बीएएड/बीएससीएड उत्तीर्ण हों
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वर्ष 2012 या उसके बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना.
अनुभव पात्रता
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पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकाय संस्था के हाइस्कूलों के शिक्षकों के लिए 10 वर्ष का अटूट अनुभव जरूरी
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सीबीएसइ, आइसीएसइ, बीएसइबी से स्थायी संबद्धता प्राप्त स्कूलों में माध्यमिक शिक्षकों को न्यूनतम 12 वर्ष का अटूट अनुभव होना चाहिए
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प्लस टू सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का न्यूनतम आठ वर्ष का अनुभव
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सीबीएसइ, आइसीएसइ, बीएसइबी से स्थायी संबद्धता प्राप्त स्कूलों के प्लस टू शिक्षकों के लिए लगातार 10 वर्ष का अनुभव जरूरी
नियुक्ति की प्रक्रिया
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शिक्षा विभाग रिक्त पदों की गणना कर रोस्टर क्लीयरेंस के बाद आरक्षण कोटिवार बीपीएससी को भेजेगा.
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सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को उनके वेतन के साक्ष्यों के आधार पर प्रमाणपत्र दिया जायेगा.
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सीधी भर्ती से नियुक्त प्रधानाध्यापकों को दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर रखा जायेगा. बाद में उसे विभागीय परीक्षा भी देनी होगी.
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प्रधानाध्यापक का पद अंतर प्रमंडलीय स्थानांतरणीय होगा.
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कोई प्रधानाध्यापक सेवा काल के दौरान मरता है तो परिजनों को अनुकंपा पर नौकरी.
प्रधान शिक्षक के लिए आठ वर्ष का अनुभव जरूरी
प्रधान शिक्षकों के लिए अभी अधिसूचना जारी नहीं की गयी है. हालांकि विभागीय सूत्रों के मुताबिक प्रधान शिक्षक पद के लिए पंचायती राज संस्थाओं के तहत संचालित स्कूलों के प्रारंभिक मूल कोटि के शिक्षकों के लिए आठ वर्ष का अटूट अनुभव जरूरी होगा. जानकारी के मुताबिक इस वर्ग में संबद्धता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को आवेदन का मौका नहीं दिया जायेगा.
Posted by Ashish Jha