बिहार में अभी नहीं होगा कैबिनेट का विस्तार, कांग्रेस की मांग पर तेजस्वी यादव ने कही ये बात
बिहार में राज्य मंत्रिपरिषद का विस्तार तत्काल टाल दिया गया है. राजद कोटे से दो मंत्रियों के इस्तीफे और कांग्रेस की ओर से हिस्सेदारी की मांग के बीच यह कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा के बाद कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं.
पटना. बिहार में राज्य मंत्रिपरिषद का विस्तार तत्काल टाल दिया गया है. राजद कोटे से दो मंत्रियों के इस्तीफे और कांग्रेस की ओर से हिस्सेदारी की मांग के बीच यह कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा के बाद कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. गुरुवार को राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि तत्काल कैबिनेट का विस्तार नहीं होने जा रहा है.
कांग्रेस की मांग पर अभी कोई विचार नहीं
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि कांग्रेस के मांगों को लेकर अभी कोई भी विचार नहीं किया गया है. फिलहाल कैबिनेट का कोई भी विस्तार नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिकार इस बात की चर्चा कहां से निकल कर सामने आयी है. यह यह साफ़ कर देता हूं कि अभी इसको लेकर गठबंधन के अंदर कोई भी बात नहीं हुई है.
अखिलेश सिंह कर चुके हैं विस्तार का दावा
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की लगातार डिमांड कर रहे हैं. अखिलेश प्रसाद ने पिछले दिनों पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विधानसभा में अपने विधायकों की संख्या के आधार पर कैबिनेट में कांग्रेस के चार मंत्री पद मिलने चाहिए. इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार से मैंने बात की है और उन्होंने आश्वासन भी दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पिछले दिनों कैबिनेट विस्तार पर पूछे गये गये सवाल पर कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार जो होगा वो राजद कोटा के दो मंत्री जो हटे थे, उन्हें भरा जाएगा. साथ ही कांग्रेस को भी जगह दी जाएगी. लेकिन इसे मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कहा जा सकता है.
राजद से सर्वाधिक 16 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
अगस्त 2022 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, तब राजद कोटे से तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनाया. विधायकों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी है, इसलिए उसके सर्वाधिक 16 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, बाद में सुधाकर सिंह और कार्तिक कुमार को विवादों के बाद कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा. इसके अलावा नीतीश की पार्टी जदयू से 11, कांग्रेस से 2, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से 1 और एक निर्दलीय विधायक मंत्री बने. वाम दलों ने सरकार को बाहर से सपोर्ट दे रखा है.