पटना . पटना और आसपास के जिलों में रविवार को भी अच्छी बारिश हुई. जलजमाव से परेशान पटना के लिए राहत की खबर यह है कि यहां से बहने वाली गंगा, सोन और पुनपुन नदी के जल स्तर में रविवार को कमी दर्ज की गयी है. रविवार शाम तक पटना के सभी तटबंध सुरक्षित थे. हालांकि यह कमी बहुत कम है और बाढ़ का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है.
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश होती है तो पटना में बाढ़ का खतरा बढ़ जायेगा. बाढ़ के खतरे को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने सारी तैयारियां शुरू कर दी हैं. बाढ़ को रोकने के लिए तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. इसके लिए इंजीनियरों से लेकर कर्मियों तक की तैनाती की गयी है. बाढ़ आने की स्थिति से निबटने के लिए आपदा प्रबंधन की टीम भी तैयार है. पर्याप्त संख्या नावों, गोताखोरों आदि की भी व्यवस्था की गयी है.
जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से रविवार सुबह छह बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक दीघा घाट पर गंगा का जल स्तर 47.68 मीटर था, यहां एक दिन पहले शनिवार को जल स्तर 47.70 मीटर था. यहां खतरे का निशान 50.45 मीटर है. यहां पर दो सेंटीमीटर पानी कम हुआ है. पटना शहर के गांधी घाट में गंगा नदी का जल स्तर 46.99 था.
एक दिन पहले यहां यह 47.02 मीटर था. यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है. यहां पानी तीन सेंटीमीटर कम हुआ है. फतुहा के कटैया घाट में रविवार को गंगा का जल स्तर 44.83 मीटर था. यहां खतरे का निशान 47.40 है. हाथीदह में गंगा का जल स्तर 39.83 मीटर था, यहां खतरे का निशान 41.46 मीटर है. दोनों ही जगह शनिवार को भी जल स्तर इतना ही था.
सोन नदी रविवार को कोइलवर में 49.58 मीटर जल स्तर के साथ बह रही थी. शनिवार को यहां का जल स्तर 49.76 मीटर था. यहां खतरे का निशान 55.52 है. यहां भी पानी कम हुआ है. मनेर में सोन नदी का जल स्तर रविवार को 49.38 मीटर था. एक दिन पहले यहां इसका जल स्तर 49.43 मीटर था. यहां इसके खतरे का निशान 52.00 मीटर है.
वहीं पुनपुन नदी पुनपुन रेल पुल के पास रविवार को 49.12 मीटर जल स्तर के साथ बह रही थी. शनिवार को यह 49.25 मीटर के जल स्तर के साथ बह रही थी. यहां इसका खतरे का निशान 51.20 है. 772 चेन पुनपुन में जल स्तर रविवार को 49.22 मीटर था, जबकि एक दिन पहले यह 49.35 मीटर था, यहां खतरे का निशान 51.30 है. जिले की इन तीनों नदियों में रविवार की सुबह अन्य जगहों पर भी जल स्तर में मामूली कमी दर्ज की गयी है.
Posted by Ashish Jha