पटना. पटना जिले में अब तक किसानों से लक्ष्य का करीब 60 प्रतिशत ही धान खरीदा जा सका है. धान खरीद में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी के स्तर से लगातार बैठकें, निरीक्षण और निर्देश जारी किये गये हैं, इसके बावजूद जनवरी में उम्मीद से कम धान की खरीदारी की जा सकी है.
धान खरीद में पटना राज्य के टॉप पांच जिलों में शामिल है. अगर खरीद की रफ्तार तेजी से आगे बढ़ती तो यह और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकता था. धान खरीद लक्ष्य से कम होने का कारण सामने आया है कि पटना में धान की कुटाई के बाद रखने वाले सीमआर गोदाम की भारी कमी है.
पैक्स के पास जो गोदाम हैं वे सभी भरे पड़े हैं. मिलर के पास भी जगह की भारी कमी है. जिले में 13 सीएमआर गोदाम हैं, जिनमें से नौ पहले से ही भरे हुए हैं. ऐसे में नये धान की खरीद और उसकी कुटाई के बाद चावल के तौर पर गोदाम में रखने की जगह की भारी किल्लत रही है.
इस समस्या से निबटने के लिए अब जिला प्रशासन चार गोदामों में मौजूद चावलों को निकालने जा रहा है. यहां के चावलों को चार ट्रेन की रैक से दूसरे जिलों में भेजा जा रहा है.
उन जिलों में जन वितरण प्रणाली के जरिये इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाया जायेगा. इसके साथ ही पटना में भी पीडीएस के जरिये इनका वितरण किया जायेगा. इससे तेजी से सीएमआर गोदाम खाली होंगे और इनमें नये चावल रखे जा सकेंगे. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले तीन से चार दिनों में तेजी से धान की खरीद होगी.
जिले में अब किसानों से 21 फरवरी तक धान की खरीदारी होगी. जिलाधिकारी ने धान खरीद में तेजी लाने और इसे बेचने के सभी इच्छुक किसानों से धान क्रय कर भुगतान में तेजी लाने का निर्देश दिया है.
धान खरीद कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए जिला प्रशासन ने जिले में 162 टीमों का गठन किया गया है. इसमें शामिल जांच पदाधिकारियों को पैक्स द्वारा जमा सीएमआर के विरुद्ध मिल को उपलब्ध कराये गये धान की मात्रा एवं पैक्स के गोदाम में उपलब्ध धान की मात्रा का सत्यापन करने का निर्देश दिया गया.
इस क्रम में किसानों से भुगतान के बारे में फीडबैक प्राप्त करने तथा धान बेचने के इच्छुक सर्वेक्षित किसानों से धान क्रय की स्थिति एवं धान क्रय नहीं करने के कारण की भी जांच करने का निर्देश जिलाधिकारी के स्तर से दिया गया है.
Posted by Ashish Jha