बिहार में खूब हो रही जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री, दानापुर और बिहटा में सबसे आगे, सरकार को मिला 344 करोड़ का राजस्व
चालू वित्तीय वर्ष के शुरुआती पांच माह यानी अप्रैल से लेकर अगस्त तक के दौरान भी दानापुर अनुमंडल क्षेत्र मसलन दानापुर, बिहटा, नौबतपुर और मनेर प्रखंड क्षेत्र में सबसे अधिक 6803 संपत्तियों (मकान व जमीन) का निबंधन हुआ है.
पटना. पटना जिले का दानापुर अनुमंडल क्षेत्र संपत्ति निबंधन के मामले में नंबर वन है. बीते तीन चार वर्षों के दौरान दानापुर अनुमंडल क्षेत्र में ही सबसे अधिक जमीन व मकान का निबंधन हुआ है. चालू वित्तीय वर्ष के शुरुआती पांच माह यानी अप्रैल से लेकर अगस्त तक के दौरान भी दानापुर अनुमंडल क्षेत्र मसलन दानापुर, बिहटा, नौबतपुर और मनेर प्रखंड क्षेत्र में सबसे अधिक 6803 संपत्तियों (मकान व जमीन) का निबंधन हुआ है.
इसके बाद दूसरे नंबर पर फुलवारीशरीफ का क्षेत्र है. यहां पांच माह के दौरान 5498 संपत्तियों का निबंधन हुआ है. इसके बाद पटना सिटी क्षेत्र में 4978 संपत्ति की निबंधन हुआ है.
पटना सदर क्षेत्र में संपत्ति निबंधन महंगा
अन्य अनुमंडल क्षेत्र के अलावा पटना सदर अनुमंडल क्षेत्र में संपत्ति निबंधन का शुल्क सबसे महंगा है. राजधानी क्षेत्र व पॉश इलाका होने के कारण इन क्षेत्रों का सर्किल रेट अधिक है और सर्किल रेट के अनुसार निबंधन शुल्क भी अधिक लगता है.
फिलहाल प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में बीते पांच माह के दौरान यहां 5828 जमीन व मकान का निबंधन हुआ है. वहीं, इससे निबंधन कार्यालय को 127 करोड़ 86 लाख 53 हजार से अधिक का राजस्व मिला है, जो अन्य किसी भी अनुमंडल के मुकाबले अधिक है. गौरतलब है कि यहां जिले के किसी भी क्षेत्र का निबंधन कराया जा सकता है.
35 हजार से अधिक दस्तावेज निबंधित
पटना जिले में चालू वित्तीय वर्ष के पांच माह के दौरान दौरान 35 हजार 18 जमीन व मकान आदि का निबंधन हुआ है. इससे जिले को बतौर शुल्क 344 करोड़ 84 लाख 67 हजार से अधिक की आमदनी हुई है. गौरतलब है कि बीते वित्तीय वर्ष के दौरान 83907 संपत्तियों का निबंधन किया गया है. इससे पटना जिले को 1527 करोड़ के लगभग राजस्व की प्राप्ति हुई थी.
पांच माह में किस रजिस्ट्री कार्यालय में कितने निबंधन
दानापुर 6803
पटना 5828
फुलवारीशरीफ 5498
पटना सिटी 4978
बाढ़ 2405
विक्रम 3153
मसौढ़ी 2798
तय होगी कातिब की जवाबदेही
रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन की प्रक्रिया ऑटोमैटिक शुरू करने की व्यवस्था को और भी प्रभावी बनाया जायेगा. दाखिल-खारिज की रफ्तार में तेजी लाने की कवायद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने शुरू कर दी है.
एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसमें कातिब डीड के दस्तावेज तैयार करते समय ही ऑटोमैटिक म्यूटेशन का फाॅर्म भी भरवा लें, ताकि रजिस्ट्री के तुरंत बाद ऑटोमैटिक म्यूटेशन सुनिश्चित किया जा सके. कातिब की जवाबदेही तय करने पर विचार चल रहा है. लापरवाही बरतने पर कातिब का लाइसेंस निरस्त करने के प्रावधान को प्रस्ताव में शामिल करने पर भी विचार चल रहा है.
Posted by Ashish Jha