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पटना के बाजार में पांच, 10 के सिक्‍के और 10, सौ के नोटों की किल्लत, जानिये क्या है कारण

इन दिनों शहर में एक, दो, पांच और दस के सिक्‍कों के साथ दस और बीस रुपये के नोट की किल्लत बढ़ गयी है. इसके कारण आमलोग और दुकानदार भी इससे परेशान हैं. उन्‍हें भी यह माजरा समझ में नहीं आ रहा है.

पटना. इन दिनों शहर में एक, दो, पांच और दस के सिक्‍कों के साथ दस और बीस रुपये के नोट की किल्लत बढ़ गयी है. इसके कारण आमलोग और दुकानदार भी इससे परेशान हैं. उन्‍हें भी यह माजरा समझ में नहीं आ रहा है.

यहां तक कि बैंकों में भी पांच और दस के सिक्‍के नहीं मिल पा रहे हैं. इसके अलावा दस और बीस के नोट भी बाजार से गायब हो रहे हैं. इसके साथ ही कुछ समय पूर्व जारी किये गये सौ रुपये के नोट की भी किल्‍लत है.

बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से दस और दस के सिक्‍के डंप हो गये हैं. इसके कारण चलन कम हो गया है. दस और बीस रुपये के नोटों का संकट बढ़ता जा रहा है.

500 के नोट लेकर आ रहे अधिकतर ग्राहक

महज दो माह पहले तक दुकानों पर पांच और दस के सिक्के कोई लेने वाला नहीं था. दुकानदार इन्हें बैंक लेकर जाते तो वहां से भी वापस कर दिया जाता था. लेकिन, अचानक अब सिक्कों की किल्लत होने लगी है.दुकानदारों की मानें तो अब अधिकांश ग्राहक पांच सौ रुपये के नोट लेकर आ रहे हैं. इसके कारण बड़े नोट जमा होते जा रहे हैं.

बिहार राज्‍य खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा ने बताया कि बढ़ती समस्‍या को देखते हुए रिजर्व बैंक को चाहिए की कम-से-कम पांच और दस के सिक्‍कों के साथ दस, बीस और पचास रुपये के नोट बाजार में जारी करे. तभी परेशानी दूर हो सकती है. इस संबंध में रिजर्व बैंक के प्रभारी क्षेत्रीय निदेशक बृज लाल से संपर्क किया गया, तो उन्‍होंने कोई जवाब नहीं दिया.

कोरोना से कारोबार सुस्‍त जिला अग्रणी बैंक (पीएनबी) के मुख्‍य प्रबंधक

अवधेश आनंद ने कहा कि कोरोना की वजह से कारोबार सुस्‍त है. इसके कारण सिक्‍कों और रुपये का रोटेशन कम हो रहा है. ऐसे में कुछ इलाके में समस्‍या हो सकती है. लेकिन किल्लत नहीं कह सकते हैं. जहां तक दस और बीस रुपये का सवाल है, तो बीच में परेशानी हुई थी. अब वह सामान्‍य हो गया है.

Posted by Ashish Jha

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