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कालाजार की तलाश में हर दरवाजे पर आशा दे रहीं दस्तक

पूर्णिया : कालाजार के मरीजों की तलाश में हर घर के दरवाजे पर आशा की दस्तक हो रही है. राज्य सरकार ने 2020 तक कालाजार से समाज को मुक्त करने का लक्ष्य रखा है .इस लक्ष्य पर काम करते हुए आशा जिले में घर-घर जाकर पड़ताल कर रही हैं . इसके लिए जिले के सभी आशाओं और आशा फैसिलेटर प्रशिक्षित किया गया है.

पूर्णिया : कालाजार के मरीजों की तलाश में हर घर के दरवाजे पर आशा की दस्तक हो रही है. राज्य सरकार ने 2020 तक कालाजार से समाज को मुक्त करने का लक्ष्य रखा है .इस लक्ष्य पर काम करते हुए आशा जिले में घर-घर जाकर पड़ताल कर रही हैं . इसके लिए जिले के सभी आशाओं और आशा फैसिलेटर प्रशिक्षित किया गया है.

इन व्यक्तियों की होगी जांच

रोगी खोज के दौरान 15 अथवा 15 दिनों से अधिक दिनों से बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन किया हो और उसके बाद भी बुखार ठीक न हुआ हो साथ ही उन्हें भूख की कमी व पेट का बड़ा होना जैसे लक्षण दिखाई दें . वैसे व्यक्तियों को आरके-35 किट से जांच करवाने के लिए स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाएगा. क्षेत्र में यदि किसी व्यक्ति ने पूर्व में कालाजार का इलाज करवाया हो फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के अन्य लक्षण पाए जा रहे हों तो ऐसे व्यक्तियों को बोन मैरो या स्प्लीन एस्पिरेशन जांच करवाने के लिए सदर अस्पताल रेफर करवाया जाएगा.

मरीजों को सरकार से आर्थिक सहायता

कालाजार से पीड़ित रोगी को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है.मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में बीमार व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए और केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते हैं. यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दिया जाता है. वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से 4000 रुपए दिए जाते हैं.

विशेष मिशन में 319 आशा कार्यकर्ता

कालाजार के मरीजों की खोज के लिए पूरे जिले के सभी 14 प्रखंडों में कुल 319 आशाओं को लगाया गया है. आशाओं के पर्यवेक्षण के लिए कुल 120 आशा फैसिलेटर को भी प्रशिक्षित किया गया है. इन आशाओं द्वारा जिले के 278 संभावित गांवों के कुल 85 हजार 753 घरों में जाकर कालाजार के मरीजों की खोज की जाएगी. कालाजार के लिए आशाओं द्वारा घर-घर होने वाले सर्वे और कालाजार सम्बंधित जानकारी देने के लिए प्रखंडों में विभाग द्वारा प्रचार अभियान भी चलाया जा रहा है. प्रचार वाहन से माइकिंग द्वारा लोगों को कालाजार से बचाव के लिए जागरूक करवाया जा रहा है.

कालाजार के पहचान और लक्षण

जिले में सभी स्तरों पर कालाजार की खोज से एक दिन पूर्व माइकिंग द्वारा प्रचार-प्रसार भी करवाया जा रहा है . स्थानीय जनप्रतिनिधियों व आम लोगों को भी कालाजार के पहचान और लक्षण की जानकारी आशा कर्मियों की तरफ से दी जा रही है.ऐसा इसलिए कि लोग जागरूक हो जाएं और पूर्व से ही सतर्क रहें. खतरा दिखने पर अविलंब स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर जांच करा सके.

posted by ashish jha

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