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सारण के बनियापुर में विभागीय स्तर पर सिंचाई की सुविधा नहीं, किसान पंपिंग सेट चला कर रहे पटवन

Bihar News: राजकीय नलकूप बेकार पड़े हैं. जबकि नहरों में भी पानी नहीं आने से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. फिलवक्त किसान गेहूं, आलू और सरसों की प्रथम सिंचाई करने में जुटे हुए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 20, 2022 8:48 AM

सारण जिले के बनियापुर में रबी मौसम की प्रमुख फसल गेहूं की सिंचाई को लेकर किसान व्यस्त दिख रहे हैं. हालांकि सितंबर-अक्तूबर महीने में बारिश होने से खेतों में कुछ हद तक नमी होने से किसानों को सिंचाई के दौरान थोड़ी सहूलियत अवश्य हो रही है. बावजूद इसके सरकार प्रायोजित योजनाओं का लाभ किसानों को ससमय नहीं मिलने से मायूसी है. कृषि विशेषज्ञों की माने, तो गेहूं के पौधों की तीन-चार बार सिंचाई करने पर उपज अच्छी होती है. मगर विभागीय स्तर पर सिंचाई की सुविधा नदारद होने से प्रखंड के किसान पंपिंग सेट चलाकर महज एक से दो बार ही सिंचाई कर पाते हैं.

राजकीय नलकूप बेकार पड़े हैं

राजकीय नलकूप बेकार पड़े हैं. जबकि नहरों में भी पानी नहीं आने से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. फिलवक्त किसान गेहूं, आलू और सरसों की प्रथम सिंचाई करने में जुटे हुए हैं. राजकीय नलकूप और नहर का लाभ नहीं मिलने से एक ओर किसान चिंतित हैं, तो दूसरी ओर पंपिंग सेट से सिंचाई करने में आर्थिक बाधा उत्पन्न हो रही है. इन सब परेशानियों के बीच किसान अपने बलबूते सिंचाई का कार्य धीरे-धीरे निबटा रहे हैं.

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किसानों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

किसान बाबूलाल राय ने बताया कि नलकूप योजना का लाभ नहीं मिल पाने से पटवन के दौरान काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. वहीं किसान दशरथ राय ने कहा कि पंपिंग सेट से सिंचाई करने में काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है. विभागीय स्तर पर चलायी जा रही योजनाओं का लाभ समय पर किसानों को नहीं मिल पाता है. क्षेत्र के किसान मदन सिंह ने बताया कि इस बार 200 रुपये प्रतिघंटे खेतों की सिंचाई की जा रही है, जो गत वर्ष की तुलना में प्रतिघंटे 10 से 20 रुपये अधिक खर्च करना पड़ रहा है.

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