14.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार के इस जिले में नहीं है एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ

जिले में एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. जिस कारण सदर अस्पताल हो या अन्य सरकारी अस्पताल सभी अस्पतालों में हृदय ग्रसित रोगियों को रेफर कर इलाज किया जाता है.

हेमंत कुमार हीरा, अररिया : बदलती जीवन शैली के कारण जहां लोगों में स्ट्रेस बढ़ रहा है, वहीं खान-पान की गलत आदतों के कारण हृदय रोग की समस्या बढ़ रही है. हाइपर टेंशन, उच्च कोलेस्ट्रोल, उच्च ब्लडप्रेशर व हाइ डायबिटीज के कारण प्री मेच्योर हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है. एक आंकड़ों के अनुसार अधिकांश कम उम्र के लोगों में हृदय रोग की संभावना बढ़ गयी है. इसमें युवाओं की संख्या बढ़ रही है. बताया जाता है कि लोगों में बढ़ रहे स्ट्रेस से सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है. बढ़ रहे तनाव के कारण मधुमेह व हाइपर टेंशन की समस्या बढ़ रही है. इसी से हृदय रोग का खतरा बढ़ रहा है. चिकित्सकों के अनुसार तनावपूर्ण जिंदगी, फास्ट व जंक फूड का सेवन, धूम्रपान, शारीरिक व्यायाम की कमी व मधुमेह के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ रहा है. हृदय रोग से बचने के लिए धूम्रपान व एल्कोहल का सेवन एकदम बंद कर देना चाहिए. एक-दो साल तक धूम्रपान बंद कर देने से इस रोग का 50 प्रतिशत खतरा टल जाता है. सबसे अधिक मौतें हृदय रोग से होने की बात भी सामने आ रही है. वहीं जिले में एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. जिस कारण सदर अस्पताल हो या अन्य सरकारी अस्पताल सभी अस्पतालों में हृदय ग्रसित रोगियों को रेफर कर इलाज किया जाता है.

सदर अस्पताल में नहीं है इसीजी जांच की व्यवस्था

सबसे अधिक मौतें हृदय से ग्रसित मरीजों की होती है. फिर हृदय से ग्रसित मरीजों की जांच के लिए सदर अस्पताल में इसीजी की व्यवस्था नहीं है. बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसीजी व्यवस्था करने के लिए भी कोई पहल नहीं देखी जा रही है. सदर अस्पताल में जो भी हृदय रोग मरीज आते हैं. उनका एनसीडी क्लीनिक में पहला प्राथमिक उपचार करने के बाद हायर सेंटर रेफर किया. चिकित्सकों के माने तो हृदय रोगियों के रेफर ना हो इसके लिए सदर अस्पताल में इसीजी मशीन व आइसीयू वार्ड होना अनिवार्य है. साथ ही हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक व सर्जन चिकित्सक होना भी अनिवार्य है.

रेफर कर हृदय ग्रसित मरीजों का होता है इलाज

बताया जाता है कि सदर अस्पताल में लगभग रोजाना आधा दर्जन से अधिक हृदय से पीड़ित मरीज इलाज के लिए आते हैं. हालांकि सदर अस्पताल में एनसीडी क्लिनिक में प्राथमिक उपचार के बाद हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं रहने के कारण उसे रेफर कर दिया जाता है. बताया जाता है कि हृदय से सबसे अधिक पीड़ित मरीज 40 साल के ऊपर लोग आते हैं. हालांकि सदर अस्पताल में इलाज के लिए 40 साल से कम उम्र के लोग भी हृदय से ग्रसित मरीज इलाज के लिए आते हैं. कुछ गरीब मरीज धन के अभाव में इलाज के लिए बाहर नहीं जा पाते हैं.

हरी सब्जियां व फलों का सेवन फायदेमंद

चिकित्सकों के अनुसार हृदय रोग से बचने के लिए नियमित शारीरिक व्यायाम के साथ फलों व हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए. जंक या फ्राइड फूड से बचना चाहिए. यह फूड स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है. हाल ही के अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि रक्त में होमो स्सिटैन लेवल बढ़ जाने के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ रहा है. सीएस डॉ रूपनारायण कुमार ने कहा कि अभी हम अररिया में नये आये हैं. इसलिए विशेष जानकारी नहीं है. हृदय मरीजों को रेफर नहीं किया जाये इसके लिए व्यवस्था करेंगे.

posted by ashish jha

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel