भागलपुर. एक तरफ आसमान से धूप के रूप में सूर्यदेव आग की बारिश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ गले को तर करने के लिए करीब 200 घरों में पानी नसीब नहीं हो रहा है. एक तरफ जल मीनार बेकार पड़ा है तो दूसरी तरफ सरकारी व्यवस्था के तौर पर लगाए गए छह चापानल भी भीषण गर्मी में जवाब दे गया है. एक बूंद भी पानी इन चापानलों से नहीं निकल रहा है. ऐसी व्यवस्था पर आक्रोश भी लाजिमी है. करहरिया पंचायत के वार्ड 13 दिग्घी गांव में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. आक्रोशित महिलाएं और पुरुषों ने एकजुट होकर शुक्रवार को प्रदर्शन किया.
पेयजल कि असुविधा से परेशान महिला कंचन देवी ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना से वार्ड 13 में 16 लाख की लागत से संचालित की जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि लगभग दो सौ घरों में कनेक्शन दिये गये, लेकिन जल मीनार से घर तक पानी नहीं पहुंच रहा है. पीएचईडी के द्वारा वार्ड में छह चापानल दिये गये हैं लेकिन एक भी चापानल चलने की हालत में नहीं है. गर्मी के मौसम में पानी पीने के लिए हाहाकार मचा हुआ है. कई बार अधिकारी को सूचना दी गयी. उसके बाद भी किसी को हमारी परेशानी की परवाह नहीं है.
ग्रामीणों को पानी पीने के लिए काफी दूर से लाना पड़ता है. जिससे भीषण गर्मी में ग्रामीणों को पेयजल के लिए काफी कठिनाई झेलनी पड़ती है. ग्रामीणों ने जल्दी से जल्दी समस्या समाधान की मांग की है. विभाग के जेई ने बताया कि पाइप लाइन कम होने के कारण सभी घरों तक पानी नहीं पहुंच पाया. वार्ड सदस्य को कहा गया है. जल्द ही पाइप लाइन बिछाकर समस्या का निदान किया जायेगा.
वहीं बीडीओ मनोज कुमार मुर्मू ने बताया कि भीषण गर्मी को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर सुलतानगंज के प्रत्येक पंचायत में दो जगहों पर पियाऊ लगाने का निर्देश दिया गया है. सभी मुखिया को इस संबंध में निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग जरूरी है. भीषण गर्मी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का सहयोग करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए पंचायत समिति सदस्य, मुखिया को भी जन सहयोग के माध्यम से लोगों की मदद करने का भरोसा दिलाया गया. इस दौरान प्रमुख बिंदु देवी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी नीलम कुमारी आदि मौजूद थे.
पेयजल संकट का पीएचईडी होगा जिम्मेदार
बीडीओ की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रखंड कार्यालय में बैठक की गयी. जिसमें बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट उत्पन्न हो रहा है. जिसके बाद बीडीओ ने पीएचईडी एवं तकनीकी सहायक को प्रत्येक पंचायत में भ्रमण करने का निर्देश दिया. नल-जल योजना से कहीं भी पानी आपूर्ति बाधित हुई तो इसका जिम्मेदार पीएचईडी और तकनीकी पदाधिकारी होंगे. बीडीओ ने स्पष्ट निर्देश दिया कि पेयजल संकट कहीं भी नहीं हो इसके लिए समय पर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो. इसकी जिम्मेदारी संबंधित पदाधिकारी को दी गयी है.